दिल्ली (मानवी मीडिया) एक अदालत ने हाल ही में तेलंगाना कैडर के एक आईएएस अधिकारी को अग्रिम जमानत दी, जिस पर एक महिला के साथ कथित रूप से बलात्कार करने का मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया था और अब चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने आरोपी आईएएस अधिकारी कालीचरण खरताड़े को 50000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानती मुचलके पेश करने पर जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में काफी देरी हुई। मामले की सूचना तुरंत अधिकारियों को दी जानी चाहिए थी।
अदालत ने यह भी कहा कि एफआईआर के बाद भी शिकायतकर्ता दिल्ली के विभिन्न होटलों में आरोपियों से मिलती रही। अदालत ने कहा कि चार्जशीट दायर कर दी गई है और जांच के दौरान आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
आरोपी के वकील प्रियंका अरोड़ा और संदीप लांबा ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता एक शिक्षित महिला है और वर्तमान मामला शिकायतकर्ता द्वारा शादी के लिए उसकी अवैध मांग को पूरा करने के लिए दर्ज कराया गया था। यह एक झूठा मामला है और आरोपी को झूठा फंसाया गया है। शिकायतकर्ता ने अपनी मर्जी से आरोपी के साथ संबंध बनाने की सहमति दी थी।
गौरतलब है कि वर्तमान मामला 2020 में दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन दर्ज की गई एक एफआईआर से संबंधित है। दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दायर कर दी है।