नई दिल्ली (मानवीय सोच): एक और सरकारी कंपनी बिकने से संबंधित बड़ी खबर सामने आई है। मोदी कैबिनेट ने हिंदुस्तान जिंक में सरकार की पूरी हिस्सेदारी की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इसके पास जिंक उत्पादक की 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आज की स्थिति में इस हिस्सेदारी का मूल्य 39,385 करोड़ रुपये के आस-पास है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कंपनी का शेयर 7.61 फीसदी चढ़ कर 318 रुपये तक उछला।
हिंदुस्तान जिंक में एक समय अधिकतम हिस्सेदारी सरकार की थी। सरकार ने 2002 में इस फर्म में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी, जिसे वेदांत समूह ने खरीदा था। वेदांत समूह ने बाद में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 64.92 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए और हिस्सेदारी हासिल कर ली।
क्या है सरकार का लक्ष्य
बिक्री का मौजूदा कदम चालू वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश उद्देश्यों का हिस्सा है। सरकार का आईटीसी में हिस्सेदारी बेचने का भी विचार है, जिसमें इसकी 7.91 फीसदी हिस्सेदारी है। ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) और विनिवेश की सीमा की डिटेल को अभी भी तैयार किया जा रहा है। ईटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को सितंबर तक प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।