लखनऊ (मानवी मीडिया) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विधायकों द्वारा जनता की समस्याओं के समाधान में तकनीक का इस्तेमाल कर सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। विधायक तकनीक को अंगीकार तो करें लेकिन ध्यान रहे कि उसका पिछलग्गू नहीं बनना है। तकनीक के इस्तेमाल के साथ-साथ फील्ड में जाकर जनता से संवाद करना कतई न भूलना वरना चुनाव के मौके पर जनता भी कहेगी कि अब वोट भी वर्चुअली ले लेना।
शुक्रवार को यूपी विधानसभा मंडप में ई-विधान के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सदन में उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के हित के लिए चिंतन-मनन करने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल मिशन को बढ़ाते हुए 'वन नेशन वन एप्लिकेशन' के भाव के साथ विधानसभा में 'ई-विधान' प्रणाली लागू की गई है। सीएम योगी ने कहा कि हमने 2 वर्ष पहले ही पेपरलेस बजट को प्रस्तुत कर लिया था। ई- कैबिनेट और ई-बजट के बाद अब पूरी विधानसभा पेपरलेस हो रही है।
23 मई से शुरू हो रहे सत्र में जरूरत के अनुसार दस्तावेजों की हार्डकॉपी मिल सकेगी लेकिन आगामी सत्रों से सब कुछ पूरी तरह पेपरलेस होगा। नई प्रणाली से परिचय कराते हुए उन्होंने विधायकों को बताया कि अब सदन में आपको बहुत मोटा बैग लाने की ज़रूरत नहीं होगी। पहले विधायक जब सदन में आते थे तो सहायक को अपने साथ लेकर चलते थे। बहुत बार उनकी सुरक्षा कर्मियों के साथ बहस होती थी कि उनका सहायक बैग लेकर सदन तक उनके साथ जाए। अब ई-विधान के बाद आपका काम सरल हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को भी धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि हम जनता के हितों के लिए मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के द्वारा उठाए गए सवाल आलोचनात्मक जरूर होते हैं, लेकिन ये सीधे 25 करोड़ जनता के हित के लिए भी होते हैं।
विधानसभा में हर सीट पर टैबलेट देख अखिलेश हुए हैरान
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को जब विधानसभा मंडप आए तो वहां ई-विधान के तहत हर सीट पर लगे टैबलेट देख कर चौंक गए। उन्होंने इस नई व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की सराहना करते हुए बधाई दी।
विधानसभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सपा नेता अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में कहा कि यहां आकर उन्हें लगा कि जैसे किसी आईटी सेंटर का उद्घाटन होने जा रहा है। मैं तो चौंक गया कि यह विधानभवन का कक्ष है या बड़ा आईटी सेंटर। अखिलेश ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का जितना इस्तेमाल होगा, भ्रष्टाचार कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
सबसे अच्छा रिस्पांस सिस्टम यूपी का
अखिलेश ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल की याद करते हुए कहा कि उन्होंने तकनीक के जरिए डायल-100 की योजना शुरू की थी लेकिन उस वक्त बहुत सारे लोग इसे नहीं शुरू होने देना चाहते थे। फाइल में बहुत बड़ी नोट लिखी थी, लेकिन उन बातों का जवाब देते हुए उसे लागू किया गया। मुझे खुशी है कि देश में सबसे अच्छा रिस्पान्स सिस्टम यूपी में है। इसी तरह स्वास्थ्य सेवा व किसानों का डाटा तैयार कर डीबीटी की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि हमारी व मुख्यमंत्री की ट्रेनिंग अलग से कराई जाए। पता नहीं है हम लोग जानेंगे कि नहीं जानेंगे।