इसी प्रकार नियमों में संशोधन करते हुए बार लाइसेन्स की स्वीकृति के लिए न्यूनतम व्यक्तियों के बैठने की क्षमता के 40 व्यक्तियों के स्थान पर 30 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता का प्राविधान किया गया है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 की धारा 15-क (2) के उपबन्धों के अधीन सहायक दस्तावेजों सहित भवन पूर्णतः प्रमाण पत्र या शपथ पत्र के स्थान पर संबंधित विकास प्राधिकरण या स्थानीय निकाय द्वारा प्रस्तावित परिसर से संबंधित भवन के अनुमोदित नक्शे की सत्यापित प्रति अथवा विहित पोर्टल से डाउनलोड की गयी स्वप्रमाणित प्रति अथवा इस संबंध में अन्य कोई सुसंगत अभिलेख प्रस्तुत किये जाने का प्राविधान किया जा रहा है। लाइसेंस के नवीनीकरण हेतु वित्तीय वर्ष की समाप्ति के दो माह पूर्व आवेदन प्रस्तुत करने का प्रावधान था जिसमें संशोधन करते हुए वित्तीय वर्ष की समाप्ति के एक माह पूर्व आवेदन प्रस्तुत करने का प्राविधान किया गया है। नियमावली के लागू होने के पूर्व विद्यमान समस्त बार लाइसेंस नियमावली के अधीन नवीनीकरण हेतु औपचारिकतायें पूर्ण करने पर नवीनीकरण के लिए हकदार होंगे के स्थान पर नियमावली के आरम्भ होने के पूर्व विद्यमान सभी बार लाइसेंस नवीनीकरण के लिए अधिकृत होने का प्राविधान किया गया है।
अपर मुख्य सचिव द्वारा बताया गया कि वैयक्तिक होम बार लाइसेंस के प्रचलित प्राविधानों में संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में बताया गया कि आवासीय परिसर मे भारत निर्मित विदेशी मदिरा और समुद्रपार आयातित मदिरा के अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, अतिथियों और मित्रों, जिनकी उम्र 21 वर्ष से कम न हो, द्वारा उपभोग हेतु किसी व्यक्ति को प्रपत्र पी.एच.-1 में वैयक्तिक होम बार लाइसेंस स्वीकृत किये जा सकेंगे तथा अब वैयक्तिक होम बार लाइसेंस के परिसर का निरीक्षण केवल आबकारी आयुक्त की अनुमति से ही किया जायेगा।
बार लाइसेंस एवं वैयक्तिक होम बार लाइसेंस में किये गये संशोधनों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के पश्चात् पूर्व नियमों में विद्यमान जटिलताओं और आवेदकों के सम्मुख आ रही कठिनाईयों को दूर करने के लिये आबकारी विभाग द्वारा संशोधन कर लाइसेंस नियमों को अधिक सुगम बना दिया है, जिससे बार अनुज्ञापनों और वैयक्तिक होम बार लाइसेंस लिया जाना आसान हो जायेगा।
अपर मुख्य सचिव, आबकारी द्वारा इसी क्रम में यह भी अवगत कराया गया कि कैबिनेट द्वारा उत्तर प्रदेश आबकारी (आसवनी स्थापना) सोलहवां संशोधन नियमावली 2022 प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में भी अनुमति प्रदान की गयी है। वर्तमान नियमावली में मिश्रित आसवनियों को उनकी कुल अधिष्ठापित क्षमता का 90 प्रतिशत तक ही पेय मदिरा निर्माण की अनुमति दिये जाने की व्यवस्था है। इसके अन्तर्गत प्रदेश में स्थित मिश्रित आसवनियों की अधिष्ठापित क्षमता के सापेक्ष वर्तमान में अधिकतम पेय क्षमता 90 प्रतिशत को बढ़ाकर 95 प्रतिशत तक किये जाने के सम्बन्ध में यह निर्णय लिया गया कि जिन आसवनियों में विगत तीन वर्षों से इम्प्योर स्प्रिट (टेक्निकल स्प्रिट) की मात्रा 5 प्रतिशत से कम होने सम्बन्धी स्पष्ट अभिलेखीय प्रमाण सम्बन्धित आसवनी के सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा दिया जाय, उन प्रकरणों में आबकारी आयुक्त, उ.प्र. द्वारा परीक्षण करके शासन स्तर पर पेय क्षमता में वृद्धि के सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु समुचित प्रस्ताव शासन को संदर्भित किये जाये। उक्त को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश (आबकारी आसवनी स्थापना) (सोलहवां संशोधन) नियमावली, 2022 प्रख्यापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।