शारदानगर में झोंपड़ी बनाकर रहने वाले सरवन कुमार की मृत्यु ढाई साल पहले हो चुकी है। उसके बाद से उसकी पत्नी ऊषा देवी और दो छोटे बच्चे बदहवास हालत में इधर-उधर घूमते रहते हैं। महिला का ढाई साल का बेटा और पांच साल की बेटी है जो इधर-उधर मांग खाकर अपनी गुजर करते हैं। शनिवार शाम ऊषा अपने भूख से बेहाल दोनों बच्चों के साथ पड़ोस के धौरहरा थाना क्षेत्र के गांव तिवारीपुरवा के कामेश्वर तिवारी के घर जा पहुंची। उस वक्त घर की महिलाएं खाना बना रहीं थीं। बेटी को घर के बाहर छोड़कर ऊषा भूख से बेहाल अपने ढाई वर्षीय बेटे को लेकर उनके घर में घुस गई और खुद को एक कमरे में बंदकर लिया। बेटे के खाना मांगने पर ऊषा ने उसे पहले पीटा। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर घर के अन्य लोग भी कमरे के बाहर जमा हो गए। ऊषा बच्चे को चुप कराना चाह रही थी, लेकिन वह चुप नहीं हो रहा था। इस पर ऊषा ने कमरे में पड़ी ईंट उसके सिर में मार दी। शायद वह भूख से रोते बच्चे को जान से मारना चाहती थी।
लखीमपुर खीरी (मानवी मीडिया) मुफलिसी से तंग आकर एक महिला अपने ढाई साल के बेटे को भूख से रोता देखकर इस कदर भावुक हुई कि जान से मारने की नीयत से बेटे के सिर में ईंट मार दी और खुद जाकर शारदा नदी में कूद गई। ग्रामीणों ने किसी तरह मां और बेटे दोनों को बचाया। महिला और उसके मासूम बेटे का इलाज चल रहा है। वहीं पांच साल की बेटी रो-रोकर बेहाल है।