लखनऊ: (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वर कोकिला सुश्री लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। आज विधान सभा में प्रस्तुत शोक प्रस्ताव पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि 06 फरवरी, 2022 को लगभग 92 वर्ष की अवस्था में लता जी का निधन हो गया था। सुश्री लता मंगेशकर के निधन से राष्ट्र की अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 1999 से 2005 तक उन्होंने राज्य सभा के मनोनीत सदस्य के रूप में राष्ट्र की अमूल्य सेवा की। उनकी विलक्षण प्रतिभा के लिए देश ने उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया। लता जी द्वारा राष्ट्र के प्रति किये गये योगदान को देखते हुए वर्ष 2001 में उन्हें भारत के सर्वाेच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से विभूषित किया गया। वर्ष 1969 में उन्हें पद्मभूषण, 1999 में पद्मविभूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, महाराष्ट्र सरकार का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, राजीव गांधी पुरस्कार सहित फिल्म जगत से जुड़े अनेक पुरस्कार प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 2009 में फ्रांस सरकार ने लता को अपने देश के सर्वाेच्च सम्मान ‘लीज़न ऑफ ऑनर’ की उपाधि से सम्मानित किया। मध्य प्रदेश तथा महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने उनके सम्मान में लता मंगेशकर पुरस्कार की स्थापना की है। सेवाभावी लता मंगेशकर जी ने पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट तथा लता मंगेशकर मेडिकल फाउण्डेशन की स्थापना की। इसके माध्यम से समाज के सभी वर्गाें के रोगियों को निःशुल्क मेडिकल सेवाएं प्रदान की जाती हैं। विद्यार्थियों व वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए लता ने अपने पिता की स्मृति में मास्टर दीना नाथ मंगेशकर स्मृति प्रतिष्ठान की स्थापना की।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लता के निधन से संगीत, कला एवं संस्कृति जगत की अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने अपनी तथा सदन की ओर से दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की कामना की। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों एवं शुभचिंतकों के प्रति संवेदना भी प्रकट की।
मुख्यमंत्री ने पूर्व विधान सभा सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की।