लखनऊ (मानवी मीडिया) मदरसों को मान्यता देने की तैयारी है। सिर्फ मान्यता ही नहीं दी जाएगी बल्कि इन मदरसों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों पर भर्तियां भी की जाएंगी। उ.प्र.मदरसा शिक्षा बोर्ड ने इस बारे में निर्णय ले लिया है। राज्य में वर्ष 2016 से किसी भी नये मदरसे को मान्यता नहीं दी गयी है। 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में बोर्ड के चेयरमैन डा.इफ्तेखार अहमद जावेद ने कहा कि इस बार नये मदरसों को मान्यता देने के लिए नये सिरे से आनलाइन आवेदन मंगवाए जाएंगे। पुराने आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
इसके साथ ही प्राइमरी व सेकेण्ड्री कक्षाएं चलाने वाले मदरसे अगर सीनियर सेकेण्ड्री, कामिल व फाजिल की कक्षाओं के लिए आवेदन करेंगे तो उनके द्वारा पूरे किये गये मानकों की जांच करवाकर ऐसे मदरसों की मान्यता को अपग्रेड भी किया जाएगा। मदरसों में इण्टर तक उर्दू की पढ़ाई करने वाले ही मदरसा शिक्षक के पद पर नियुक्त किये जाएंगे। इसी बैठक में शासन से आए निर्देशों में सात मान्यता प्राप्त व अनुदानित मदरसों की मान्यता खत्म किये जाने के प्रस्ताव पर भी बहस हुई।
चेयरमैन के नाते डा.इफ्तेखार अहमद ने मदरसा बोर्ड से जांच करवाए बगैर इन मदरसों की मान्यता खत्म किये जाने का फैसला लेने से मना कर दिया। यह मदरसे बलरामपुर, महाराजगंज, संतकबीरनगर, प्रयागराज, वाराणसी,सुल्तानुपर, कुशीनगर जिले के हैं। इस बारे में उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से भी मार्गदर्शन लिया और प्रमुख सचिव हिमांशु कुमार ने उन्हें परामर्श दिया कि मदरसा शिक्षा बोर्ड को यह अधिकार है कि वह अपने स्तर पर जांच करवा कर ही किसी मदरसे की मान्यता निरस्त करे।
उत्तर प्रदेश में मदरसे
- सरकारी मान्यता प्राप्त मदरसे-4911
- अस्थायी मान्यता प्राप्त मदरसे-11602
- अनुदानित मदरसे-558
- कुल मदरसे-16513