नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-अप्रैल महीने में भारत की खुदरा महंगाई दर 7.79 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर लगातार चौथे महीने आरबीआई की निर्धारित सीमा से अधिक रही है।
आम आदमी को अप्रैल में महंगाई के मोर्चे पर झटका लगा है। खाने-पीने के सामान से लेकर तेल के दाम बढऩे से महंगाई 8 साल के पीक पर पहुंच गई है। गुरुवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित रिटेल महंगाई दर अप्रैल में बढक़र 7.79 प्रतिशत हो गई। मई 2014 में महंगाई 8.32 प्रतिशत थी। महंगाई का आलम यह है कि जूते, कपड़े, खाने पीने समेत हर चीज की कीमत आसमान छूती जा रही है। सरकार की ओर से गुरुवार को जारी डेटा से पता चलता है कि अप्रैल में भी उपभोक्ता कीमतें उच्च स्तर पर रही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल माह में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर बढ़कर 7.79 प्रतिशत पर जा पहुंची है। यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच उच्च ईंधन और खाद्य कीमतों के कारण खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई दर) लगातार चौथे महीने भारतीय रिजर्व बैंक के टागरेट से काफी ऊपर रही है। मार्च में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी थी। बता दें कि अप्रैल में खाने-पीने के सामानों में भी काफी तेजी आई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक द्वारा ट्रैक की गई खुदरा मुद्रास्फीति खुदरा बाजार के नजरिए से कीमतों में बदलाव को मापती है। इसके अलावा, आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में औद्योगिक उत्पादन 1.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2022 में 11.3 प्रतिशत बढ़ा है