वाराणसी (मानवी मीडिया) ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा की शाही ईदागाह के सर्वे की मांग भी हुई है. कोर्ट ने इस मामले में मनीष यादव की याचिका को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट शाही ईदगाह का वीडियोग्राफी सर्वे कराने की याचिका की सुनवाई 1 जुलाई को करेगा.
4 महीने के भीतर करना होगा मामले का निस्तारण
बता दें कि हाई कोर्ट ने 4 महीने के अंदर मामले के निस्तारण का आदेश दिया है. एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और मनीष यादव की याचिकाओं पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी. वहीं, सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने 21 जुलाई को सुनवाई की तारीख दी है.
साधु-संतों ने जाहिर की खुशी
गौरतलब है कि शाही ईदगाह मामले में हाई कोर्ट द्वारा मथुरा कोर्ट को दिए गए 4 महीने में निस्तारण के निर्देश पर मथुरा के लोगों में खुशी है. मथुरा के साधु, संत, धर्माचार्य और याचिकाकर्ता चाहते हैं कोर्ट इस मामले में जल्द सुनवाई करके फैसला सुनाए.
मामले के जल्द निपटारे की मांग
धर्माचार्य नागेंद्र महाराज ने कहा कि वह कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के सर्वे के आदेश के बाद अब मथुरा के शाही ईदगाह का सर्वे भी कोर्ट द्वारा कराए जाए, साथ ही इस मामले को जल्द निपटाया जाए.
गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह को लेकर कोर्ट में श्रीकृष्ण के वंशज होने का दावा करने वाले मनीष यादव ने आज (शुक्रवार को) सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया. इस प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने मांग की कि किसी एडवोकेट को कमिश्नर नियुक्त करके शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी करा कर रिपोर्ट मांगी जाए.
मनीष यादव की तरफ से कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि शाही ईदगाह में प्राचीन शिलालेख और पौराणिक साक्ष्य मौजूद हैं, जो ईदगाह में दबा दिए गए हैं. पौराणिक साक्ष्यों को गायब कर दिया गया है. इस स्थिति को अदालत के समक्ष लाना आवश्यक है. किसी वरिष्ठ एडवोकेट को कमिश्नर नियुक्त करके मौके की रिपोर्ट मंगवाई जाए. प्रार्थना पत्र में मनीष यादव ने अंदेशा जताया है कि अगर कमीशन जारी नहीं किया जाता है तो प्रतिवादीगण हिंदू निशानियों को मिटा सकते हैं. उन्होंने लिखा है कि प्रतिवादीगण वाराणसी के ज्ञानवापी केस से प्रभावित होकर साक्ष्य मिटा सकते हैं.