लखनऊ (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने निराश्रित संरक्षित गोवंश के लिए भूसा संग्रहण हेतु निर्धारित अवधि (15 अप्रैल से 05 मई) में प्रदेश के 27 मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा कार्य में लापरवाही और टेन्डर न किये जाने पर गहरी अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव, पशुधन, डॉ0 रजनीश दुबे को जिम्मेदार अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने और दोषी पाये जाने पर उनपर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि 31 मई तक पुनः अभियान चलाकर भूसा संग्रहण किया जाय और भूसा बैंक हेतु दान दाताओं का भी सहयोग लिया जाय। उन्होंने 20 वृहद गोशालाओं का कार्य 15 जून तक पूरा किये जाने के निर्देश दिये हैं।
पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में आज यहां पशुधन विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पशुधन मंत्री ने कहा कि चारा, पानी भूसे एवं उपचार के अभाव में संरक्षित गोवंश की मृत्यु होने पर, सम्बंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्रों में जाकर नियमित रूप से गो-संरक्षण केन्द्रों एवं संचालित योजनाओं का अनुश्रवण करें और मुख्यालय पर योजनाओं की सही एवं तथ्यात्मक रिपोर्ट ही प्रेषित करें। प्रदेश के सभी गोसंरक्षण केन्द्रों को सुव्यवस्थित रूप से संचालित किया जाय और गोचर भूमियों को चिन्हित कर कब्जामुक्त कराया जाय। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप किसानों की आय दोगुनी करने और उ0प्र0 को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पशुधन विभाग की अहम भूमिका होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि 100 दिनों की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया जाय।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि पशुधन विभाग में शीघ्र ही डीपीसी करायी जाये और रिक्त पदों को भरा जाये। उन्होंने कुक्कुट एवं बकरी पालन को बढ़ावा देकर प्रदेश में उद्यमिता का विकास करने, रोगों से बचाव के लिए पशुओं में रोग निरोधित टीकाकरण कोल्ड चेन में कराने, वर्गीकृत वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान का आच्छादन बढ़ाने एवं नस्ल सुधार की उन्नत विधि से पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद द्वारा पैरावेट्स मैत्री के चयन हेतु बनाये गये ऑनलाइन पोर्टल का शुभारम्भ भी मंत्री द्वारा किया गया।
समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, पशुधन, दुग्ध एवं मत्स्य विकास, डॉ0 रजनीश दुबे ने विभागीय अधिकारियों को पूर्ण निष्ठा के साथ पशुपालकों के हित में कार्यों का निर्वहन समय से करने के लिए उत्प्रेरित किया। उन्होंने निराश्रित संरक्षित गोवंश के लिए भूसे की व्यवस्था तत्काल करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और कहा कि अपनी जिम्मेदारियों और लक्ष्यों को समय से न पूरा करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। डॉ0 दुबे ने कहा कि अधिकारी जनपदों में प्रत्येक स्तर पर सभी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभ निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से सभी पात्र लोगों को मिले।
बैठक में योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, गोवंशीय पशुओं के संरक्षण, मुख्यमंत्री सहभागिता योजना, राजकीय पशुधन एवं कृषि प्रक्षेत्रों की प्रगति, 08 महत्वाकांक्षी जनपदों की प्रगति, किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन घटक) अभियान की प्रगति, कुक्कुट पालन योजना की समीक्षा, वर्ष 2022-23 के 100 दिन के कार्यक्रमों का रोडमैप की समीक्षा की गयी। बैठक में देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन भी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ0 इन्द्रमणि, निदेशक रोग एवं नियंत्रण प्रक्षेत्र डॉ0 जीवनदत्त, अपर निदेशक डॉ0 अरविन्द सिंह, एम0के0 भट्ट, वित्त नियंत्रक, डॉ0 ए0के0 सिंह, डॉ0 जयकेश पाण्डेय, आ0नि0, डॉ0 एस0के0 अग्रवाल, अरविन्द वर्मा, यशवीर सिंह, ए0के0 सोलंकी, जे0पी0 वर्मा, वी0के0 सिंह, वेद वृत गंगवार एवं डॉ0 नीलम बाला के अतिरिक्त मण्डलीय अपर निदेशक, जनपदीय मुख्य चिकित्साधिकारी, योजनाधिकारी एवं प्रक्षेत्र प्रबंधकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 वी0के0 सिंह, उप निदेशक, नियोजन द्वारा किया गया
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