लखनऊ: (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसी भी देश के विकास में मजदूरों का बहुत बड़ा योगदान होता है क्योंकि देश को बनाने की नीव मजदूर ही रखते हैं ।इन्हीं को सम्मान मे प्रतिवर्ष 01 मई को श्रमिक दिवस मनाया जाता है ।उन्होंने कहा मजदूरों का न केवल सम्मान करना है, बल्कि उनके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक कर उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने का संकल्प मजदूर दिवस के अवसर पर हम सबको लेना चाहिए। मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण प्रगति का वाहक है। मनरेगा सबसे बड़ा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम है, इस कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्र के लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में कामयाबी मिली है।श्री केशव प्रसाद मौर्य आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर मनरेगा श्रमिकों को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मनरेगा श्रमिकों को सम्मानित भी किया।
उन्होंने कहा कि जिन मनरेगा श्रमिकों ने 100 दिन का काम कर लिया है, उनका श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण संबंधित गांव के रोजगार सेवक उनकी मदद करते अनिवार्य रूप से कराना सुनिश्चित कराएं ।इस काम को अभियान चलाकर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग के पोर्टल पर श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन हो जाने से उन्हें बिना प्रीमियम दिए ही दो लाख का बीमा हो जाता है ,बच्चों की शिक्षा, इलाज, मातृत्व योजना तथा राज मिस्त्री को प्रशिक्षण आदि की सुविधाएं भी श्रमिकों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि अभी तक मनरेगा के तहत 11 लाख 37 हजार श्रमिकों का श्रम विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हुआ है लेकिन जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन अभी पूरा नहीं हुआ है ,उनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से करा लिया जाए ताकि श्रमिकों के परिवारों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का भरपूर लाभ समय से मिल सके। कहा कि उत्तर प्रदेश में 34419 महिला मेट चयनित किए हैं और 19000 महिला मेटों का प्रशिक्षण भी हो गया है ।उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के तहत जहां ग्रामीणों के जीवन में खुशहाली लानी है, वहीं महिलाओं को सशक्त और स्वावलम्बी भी बनाना है। उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का आत्मविश्वास अपने आप बढ़ जाता है। मनरेगा के तहत 5 वर्ष में 135 करोड़ 76 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं।उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत गांव में खुशहाली लाने के लिए बकरी ,मुर्गी आदि के लिए सेड बनाने की भी व्यवस्था की गई है ।जमीनों के सुधार की भी व्यवस्था है ।किसानों के खेत सुधार, मछली पालन के लिए तालाब बनाने आदि की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण अनिवार्य है ,इससे हमारा जीवन सुरक्षित है और हमारी पीढ़ियां भी सुरक्षित रहेंगी ।मनरेगा के तहत 2022-23 में 12करोड़ 32लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है, हम अपनी भावी पीढ़ियों के खुशहाल जीवन के लिए लक्ष्य के अनुरूप पौधे जरूर लगाएं और उनकी सुरक्षा अपनों बच्चों की भांति करें ।
कहा कि देश व प्रदेश के विकास में पसीना बहाने वाले लोग पौधों की सुरक्षा का संकल्प लें ।उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत नदियों के जीर्णोद्धार व पुनरुद्धार का भी कार्य उत्तर प्रदेश के अंदर कराया जा रहा है और इसमें बड़ी तकनीकी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है ,इस कार्य को बढ़ाए जाने के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए । कहा देश के प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत- स्वस्थ भारत के नारे को को साकार करना है। कहा कि 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है ,इससे पहले स्कूलों और खेलों के मैदानों को मनरेगा के तहत व्यवस्थित करा लिया जाए। उन्होंने ग्रामीणों और खासकर मजदूरों से अपील की कि वह 21 जून को खेल मैदानों में योग करें और इस परंपरा को आगे भी बढ़ाते रहें ।उन्होंने कहा कि देश के निर्माण में मजदूरों का बहुत बड़ा योगदान है। सड़क, पुल, पुलिया, भवन सभी मजदूरों के पसीने से बने हैं ।देश और राज्य के विकास में मजदूरों का पसीना हमेशा बहा है। मजदूर देश निर्माण की नीव की ईट रखते हैं ।श्रमिकों की जरूरतों को पूरा किया किए बिना विकास अधूरा रहेगा। श्रमिक सरकार की नजर में बहुत महत्वपूर्ण हैं और सरकार का लक्ष्य है कि मजदूरों के जीवन में खुशहाली आए और इसीलिए सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों ,गरीबों के घर में पीने के पानी, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन ,आदि सब दिया गया है और आगे भी दिया जाता रहेगा ।उन्होंने कहा कि अधिकारी /कर्मचारी और श्रमिक मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ भारत - स्वस्थ भारत का निर्माण करें। इस अवसर पर विभिन्न जिलों से आए मजदूरों ने भी अपने अनुभव साझा किये।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास, पंचायती राज एवं राजस्व , मनोज कुमार सिंह ग्राम्य विकास आयुक्त वी के सिंह ,अपर आयुक्त मनरेगा, योगेश कुमार ,संयुक्त आयुक्त ग्राम्य विकास राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे