यह जानकारी अपर खाद्य आयुक्त अनिल कुमार दुबे ने देते हुए बताया कि जिलाधिकारी द्वारा गठित सत्यापन टीम में राजस्व, पंचायती राज, नगर निकाय, आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों का यथा आवश्यकता सहयोग प्राप्त करते हुये सत्यापन का कार्य सुनिश्चित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी/जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा इस आशय की अपील की जायेगी कि जो कार्डधारक पात्रता की शर्तों को वर्तमान में पूर्ण न करने के कारण अपात्र हैं, वे स्वयं अपना राशन कार्ड समर्पित कर दें, ताकि उनके स्थान पर नये पात्रों का चयन हो सके।
सत्यापन के दौरान अपात्र पाये जाने पर निरस्त होने वाले राशन कार्डों से उत्पन्न रिक्ति को ऑनलाइन लम्बित राशन कार्ड प्रार्थना पत्रों की पात्रता की जॉचोपरान्त नियमानुसार जारी किया जायेगा एवं नये प्रार्थना पत्रों को भी स्वीकार करते हुये निर्धारित अर्हतायें पूर्ण करने तथा उनकी जॉचोपरान्त नवीन राशन कार्ड जारी करते हुये, यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी पात्र लाभार्थी राशन कार्ड पाने से वंचित न रहे।
दुबे ने बताया कि नये राशन कार्ड जारी किये जाने हेतु निर्धारित आवेदन पत्र, जिसकी समस्त प्रविष्टियाँ पूर्ण हों, परिवार के मुखिया समेत, समस्त सदस्यों के आधार कार्ड की छायाप्रति, यदि आधार कार्ड में वर्तमान पता न हो, तो निवास के सम्बन्ध में प्रमाण पत्र, तहसीलदार द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र, मुखिया की एक पासपोर्ट साइज फोटो, मुखिया के बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति को प्रार्थना पत्र के साथ ऑनलाइन अथवा पूर्ति कार्यालय के माध्यम से ऑफलाइन प्रस्तुत करना होगा।
उन्होंने बताया कि अन्त्योदय/पात्र गृहस्थी कार्ड का कई प्रकार से दुरूपयोग किया जाना सम्भावित है यथा-अन्त्योदय/पात्र गृहस्थी कार्ड का लाभ अपात्र लोगों द्वारा लिया जा रहा हो। एक मात्र सदस्य के नाम अन्त्योदय जारी हो और शेष व्यक्तियों द्वारा पात्र गृहस्थी राशन कार्ड का लाभ लिया जा रहा हो। अन्त्योदय/पात्र गृहस्थी कार्डधारक की मृत्यु के पश्चात भी उसके नाम पर राशन वितरण किया जा रहा हो। सम्बन्धित कार्डधारक विस्थापित हो गया हो।
अपर आयुक्त ने बताया पूर्व में जारी शासनादेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पात्र गृहस्थियों के चयन हेतु मार्गदर्शी सिद्धान्तों का निर्धारण करते हुये दोनों क्षेत्रों हेतु एक्सक्लूजन एवं इनक्लूजन क्राईटेरिया का उल्लेख किया गया है। इनक्लूजन (आच्छादन) क्राईटेरिया में कुष्ट रोग से प्रभावित/एड्स से पीड़ित या अनाथ/माता विहीन बच्चें या परित्यक्त महिलायें, कचरा ढोने वाले/स्वच्छकार व्यक्ति या उनके परिवार को अन्य परिवारों के सापेक्ष प्राथमिकता प्रदान की जायेगी, बशर्ते वे निष्कासन आधार के अन्तर्गत न आते हों।
उन्होंने बताया कि ऐसे परिवार, जिनकी आय का वर्तमान मुख्य स्रोत भिक्षावृत्ति, घरेलू काम-काज, जूते चप्पल की मरम्मत, फेरी लगाने वाले-खोमचे वाले, रिक्शा चालक में से कोई एक है, को शामिल किया गया है। इसके अलावा अनूसूचित जाति एवं अनूसूचित जनजाति एवं तत्पश्चात अन्य वर्गों के भूमिहीन मजदूरों के ऐसे परिवार, जिनके मुखिया दैनिक वेतन भोगी मजदूर यथा-कुली, पल्लेदार इत्यादि हों। गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार (राजस्व विभाग के अद्यावधिक आय प्रमाण पत्र के आधार पर)। ऐसे परिवार, जिनका मुखिया निराश्रित महिला या विकलांग अथवा मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति है एवं इस परिवार में कोई बालिग पुरूष नहीं है। आवासहीन परिवार या ऐसे परिवार, जो ऐसे आवासों में रहते है, जिनकी छत पक्की न हो। ट्रांसजेण्डर कम्यूनिटी के सदस्य (अर्थात किन्नर), यदि वे एक्सक्लूजन क्राईटेरिया में न आते हों, को इनक्लूजन क्राईटेरिया में शामिल किया गया है।
दुबे ने बताया कि एक्सक्लूजन (निष्कासन) क्राईटेरिया में समस्त आयकर दाता ऐसे परिवार, जिसके किसी भी सदस्य के पास चार पहिया वाहन अथवा वातानुकूलन यंत्र (एयर कंडिशनर) अथवा 05 के0वी0ए0 या उससे अधिक क्षमता का जेनरेटर हो। नगरीय क्षेत्रों में ऐसे परिवार, जिसके किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वअर्जित आवासीय प्लॉट या उस पर स्वनिर्मित मकान अथवा 100 वर्ग मीटर से अधिक कार्पेट एरिया का आवासीय फ्लैट हो, को रखा गया है।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार, जिसके किसी सदस्य के पास अकेले या अन्य सदस्य के स्वामित्व में 05 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो, किन्तु बुन्देलखण्ड एवं सोनभद्र जनपद में कैमूर पर्वतमाला के दक्षिणी क्षेत्रों में यह सीमा 7.5 एकड़ होगी। ऐसे परिवार, जिसके किसी सदस्य के स्वामित्व अकेले या अन्य सदस्य के साथ 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कार्पेट एरिया का व्यावसायिक स्थान हो। नगरीय क्षेत्रों में ऐसे परिवार, जिनके समस्त सदस्यों की आय रुपये तीन लाख प्रति वर्ष से अधिक हो। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे परिवार, जिनके समस्त सदस्यों की आय रुपये दो लाख प्रति वर्ष से अधिक हो। ऐसे परिवार, जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र का लाइसेंस/शस्त्र हो, को निष्कासन क्राईटेरिया में शामिल किया गया है।