लखनऊ (मानवी मीडिया)- ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान टीम में शामिल एक वकील ने शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसके बाद अब सिविल कोर्ट ने उस इलाके को सील करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अदालत ने शिवलिंग वाले स्थान पर लोगों के जाने पर भी रोक लगा दी है। एजेंसी के अनुसार, ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की स्थानीय अदालत ने मस्जिद परिसर में वजू करने पर रोक लगाते हुए सिर्फ 20 लोगों को नमाज अदा करने की अनुमति दी। उधऱ, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने दावा किया कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान एक कमरे में शिवलिंग प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि सर्वे के दौरान दोनों पक्षों की वकीलों की उपस्थित में शिवलिंग मिला। इसलिए वह स्थान जहां शिवलिंग है, वह मंदिर है, अब भी है और 1947 में भी था। यह स्वयं सिद्ध हो चुका है। मैं आशा करता हूं कि इस तरह के साक्ष्य मिलने पर अब समस्त देशवासी स्वीकार करेंगे, इसका आदर करेंगे और इसकी जो स्वाभाविक परिणतियां हैं, उस तरफ भी देश बढ़ेगा। मामला न्यायालय के विचाराधीन है, न्यायालय ने उस हिस्से को संरक्षित (सील) किया है। पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की है कि वहां कोई छेड़छाड़ न हो।” उन्होंने कहा,“ हम आशा करेंगे की यह विषय परिणाम तक पहुंचे। मामला क्योंकि अभी न्यायालय में है। इस पर अधिक टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। न्यायालय का निर्णय आने के बाद हम इसके बारे में आगे विचार करेंगे और तब विश्व हिंदू परिषद तय कर पायेगी कि आगामी कदम कौन से होंगे।”