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लखनऊ, (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरूण ने आज भागीदारी भवन में विभाग के मुख्य सर्तकता अधिकारी आर.के. सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान श्री अरूण ने कहा कि समाज कल्याण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, छत्रपति शाहूजी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान भागीदारी भवन, मद्य निषेध (सभी निदेशालयों) तथा स्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लि0 सहित सभी निगमों में करप्शन प्रीवेन्शन यूनिट बनायी जाएगी। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग की सभी इकाइयों में मुख्य सर्तकता अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी।उन्होंने कहा कि विभाग की योजनाओं को तकनीक आधारित करते हुए जैसे- आधार से लिंक करना, साफ्टवेयर से जोड़ना, बायोमैट्रिक आदि के माध्यम से भ्रष्टाचार की संभावनाओं को दूर किया जायेगा। इसके बावजूद कोई भ्रष्टाचार करता है तो जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और अपराध की प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है और उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप कार्रवाई की जाए, जिससे विभाग में किसी स्तर पर भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी दोषियों के खिलाफ मजबूत पैरवी करें, जिससे उन्हें सजा दिलायी जा सके।
उन्होंने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार के पूर्व के मामलों को ट्रैक किया जायेगा ताकि कोई भ्रष्टाचारी बच न सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, आई.जी.आर.एस. पर प्राप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों पर करप्शन प्रीवेंशन यूनिट कार्यवाही करेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे भ्रष्टाचार निवारण के लिए केन्द्रीय सर्तकता आयोग की कार्यप्रणाली को समझें और उस पर अमल करें।