किसान पर आफत की मार यही नहीं रुक रही है। कई जनपदों में खेतों में खड़ी फसल आग में जलकर राख हो गई। मैनपुरी के करहल में भीषण आग लगने से खेत में तैयार खड़ी गेहूं की फसल नष्ट हो गई। देवरिया में 10 बीघा, अमेठी में 300 बीघा, चंदौली में 10 बीघा और गाजियाबाद के मंसूरी इलाके में 28 बीघे गेहूं की फसल राख हो गई। चित्रकूट में 80 बीघा, कानपुर देहात में 30 से 40 बीघा, और हरदोई में 2 बीघा फसल जल गई। जौनपुर के जफराबाद के जनैघा गांव में भी गेहूं की फसल राख हो गई।
कुशीनगर में सैकड़ों एकड़ फसल में आग लग गई। हर दिन हजारों बीघा फसल जल रही है तबाही मची हुई है। भाजपा सरकार ने पीड़ित किसानों की सुध नहीं ली। मुआवजा देना तो दूर मुख्यमंत्री ने खेतों की लगी आग और किसानों के पेट की आग बुझाने को कोई कदम नहीं उठाया। भाजपा सरकार की संवेदनशून्यता की यह पराकाष्ठा है।