नई दिल्ली (मानवी मीडिया) जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू से हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है. रामनवमी पर जेएनयू कैंपस में लेफ्ट और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई थी, जिसमें करीब 20 लोग घायल हो गए थे.
जेएनयू प्रशासन ने हिंसा पर क्या कहा?
इससे पहले जेएनयू प्रशासन ने सोमवार को कहा कि कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और छात्रों को ऐसी किसी भी घटना में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे शांति और सद्भाव भंग हो.
जेएनयू में कैसे भड़की हिंसा?
गौरतलब है कि जेएनयू में रविवार को रामनवमी के मौके पर 'शांतिपूर्ण' हवन पर कुछ स्टूडेंट्स द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी यही दावा किया है. हालांकि, वामपंथी संगठनों के नेतृत्व वाले जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी के सदस्यों ने रामनवमी पर कावेरी हॉस्टल के मेस में नॉन-वेज खाना परोसे जाने का विरोध करते हुए छात्रों पर हमला कर दिया था.
जेएनयू में नॉन-वेज खाना परोसने पर कोई रोक नहीं
जेएनयू ने एक बयान में साफ किया कि नॉन-वेज खाना परोसने पर कोई रोक नहीं है. बयान में जोर देकर कहा गया है कि मेस का संचालन छात्र समिति करती है और उनके खान-पान की लिस्ट से प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है.
पुलिस ने बताया कि रविवार को दोनों गुटों के बीच हुई झड़प में 20 लोग घायल हो गए. जेएनयू के रजिस्ट्रार ने छात्रों से एक आधिकारिक अपील में कहा, ‘ घटना को गंभीरता से लेते हुए वीसी और अन्य अधिकारियों ने हॉस्टल का दौरा कर स्टूडेंट्स से मुलाकात की. वीसी ने उनसे कहा कि कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्टूडेंट्स को शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए.’