लखनऊ, (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम में दवा का सेवन अवश्य करें। लोगों को यह भी बताएं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। दवा के सेवन से ही इससे बचा जा सकता है। वेक्टर बार्न डिसीज निरीक्षक मंजू पाण्डेय ने यह बातें स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) द्वारा बक्शी का तालाब ब्लॉक के मदारीपुर गाँव में आयोजित फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के सपोर्ट ग्रुप के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को बहुत अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए। सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लेना चाहिए और बैठते समय पैरों को नहीं मोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग सरकार द्वारा एमडीए अभियान के तहत घर-घर खिलाई जा रही दवा का लगातार पाँच साल तक सेवन करें और साथ ही अपने घर व आस-पास सफाई रखें, पानी इकट्ठा न होने दें।
मंजू पाण्डेय ने कहा कि रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं। फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। मच्छररोधी क्रीम लगाएं और सोते समय मच्छररोधी अगरबत्ती का प्रयोग करें। इससे न केवल फाइलेरिया से बचाव होगा बल्कि अन्य मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से भी बचाव होगा।
सीफार से डा. एस.के. पांडे ने फाइलेरिया ग्रसित मरीजों में रुग्णता प्रबंधन (एमएमडीपी) का प्रदर्शन करके दिखाया। उन्होंने कुछ व्यायाम करके भी दिखाए। इस अवसर पर श्री गुरू कृपा फाइलेरिया उन्मूलन सपोर्ट ग्रुप के 10 सदस्यों को फाइलेरिया के प्रबंधन की जानकारी दी गई।