लखनऊ: (मानवी मीडिया) उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग, अमृत अभिजात ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में निदेशक प्राविधिक शिक्षा, संयुक्त निदेशक तथा सभी प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया कि नकल विहीन परीक्षाएं सम्पन्न कराना शासन का उद्देश्य है, जिसके अनुपालन की सम्पूर्ण प्रभावी कार्यवाही की जाय। अभिजात 11 अपै्रल, 2022 को नोएडा स्थित ए0के0टी0यू0 के उ0प्र0 इन्स्टीट्îूट आफ डिजाइन के सभागार में पश्चिमी क्षेत्र की पालीटेक्निक संस्थाओं की विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
प्रमुख सचिव ने कहा कि विभागीय समीक्षा बैठकें निरंतर सम्पन्न होगी। संस्था स्तर पर तथा संयुक्त निदेशक के स्तर पर विभागीय समीक्षा बैठकें व निरीक्षण का कार्यक्रम निर्धारित कर लिया जाय तथा तद्नुसार समीक्षा व निरीक्षण की रिपोर्ट अनुश्रवण हेतु शासन को उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाकर, उन्हें तत्काल पूर्ण कराने और हस्तान्तरित करने के निर्देेश दियेे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में आधुनिक तकनीकी लैड रिलीफ के अनुसार वाह्रय विकास किया जाय और परिसर में क्षेत्रीय प्रजाति के छायादार वृक्षारोपण द्वारा सधन हरित क्षेत्र विकसित किये जायं।
अभिजात ने विभाग में डिजीटल पहल (प्दपजपंजपअम) को बढ़ावा देने, ऑनलाइन डिजीटल इन्वेन्ट्री सिस्टम, विभागीय डैशबार्ड तथा यू-राइज पर होस्ट की जाने वाली छात्र सुविधाओं, शैक्षिक सामग्री को उपलब्ध कराने हेतु हुयी प्रगति की समीक्षा में निर्देेश दिये कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर की गयी इन नवीनतम पहल को तेजी से प्रभावी किया जाय।
प्रमुख सचिव ने न्यू-ऐज पाठ्यक्रम लागू करने, क्षेत्रीय उद्योगों आवश्यकताओं व हुनर के आधार पर पाठ्यक्रमों को संशोधित करने अथवा लागू करने के संबंध मे सभी प्रधानाचार्यों से शीघ्रातिशीघ्र सुझाव देने के निर्देेश दिये। उन्होंने टेªनिंग, काउन्सिलिंग व प्लेसमेन्ट की स्थिति में सुधार लाने हेतु प्रत्येक पालीटेक्निक में शीघ्र एक-एक टी0सी0पी0ओ0 को नामित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं के निर्माण कार्य अन्तिम चरण में हैं, उन्हें शीघ्र पूर्ण कराकर हस्तान्तरण लिया जाय, ताकि उन्हें 100 दिन की कार्य योजना के अन्तर्गत छात्रोंपयोगी बनाकर लोकार्पित किया जा सके।
प्रमुख सचिव ने विभागीय योजनाओं और दिशा-निर्देेशों के अनुपालन में ढिलाई बरतने वाले प्रधानाचार्यो, कार्मिकों तथा निर्माण एजेन्सियों के अधिकारियों को सचेत करते हुये कार्य शैली में तत्काल सुधार लाने के निर्देेश दिये गये। उन्होंने पालीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश के लिये माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों के मध्य जागरूकता बढ़ाने के लिये राजकीय पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्यों को विशेष प्रयास करने के निर्देेश दिये। उन्होंने कहा कि औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक के संस्थाओं के प्रधानाचार्यों को क्षेत्रीय उद्योगों तथा एलुमनाई के साथ मिलकर मेन्टरिंग और टेªनिंग के कार्यक्रम तैयार किये जायं।
प्रमुख सचिव ने निदेशक, प्राविधिक शिक्षा को राजकीय पालीटेक्निकों में फार्मेसी के पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने हेतु तत्काल कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिये।
बैठक में निदेशक, प्राविधिक शिक्षा, संयुक्त निदेशक, पश्चिमी क्षेत्र, प्राविधिक शिक्षा, पश्चिमी क्षेत्र के समस्त पालीटेक्निक संस्थाओं के प्रधानाचार्य एवं विभिन्न निर्माण कार्यों से संबंधित कार्यदायी संस्थाओं के अधिशाषी अभियन्ता व प्रोजेक्ट मैनेजर उपस्थित हुये।