कोलकाता (मानवी मीडिया) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को 10 लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दी है। उन्होंने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मैनें अपनी बात रखी है। बीरभूम हिंसा में पीड़ित 10 लोगों को आज सरकारी नौकरी दी गई है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता की हत्या के कुछ घंटे बाद जिले के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बोगतुई गांव से आठ लोगों के जले हुए शव बरामद किए गए थे। 21 मार्च को हुई इस घटना ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के साथ पूरे देश में स्तब्ध कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट मे इस मामले की जांच में सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे।
वहीं सीएम ममता बनर्जी ने घटना के दो दिन बाद प्रभावित गांव का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिवार और घायलों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी। उन्होंने आगजनी में जले हुए मकानों की मरम्मत कराने का भी वादा किया था।
सीबीआई ने इस मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने गिरफ्तार किए गए नौ लोगों का मनोवैज्ञानिक से फोरेंसिक टेस्ट करा कर सच-झूठ का पता लगाने का फैसला किया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्षद की मौत की सीबीआई जांच कराने का दिया निर्देश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस पार्षद तपन कंडू की मौत की सीबीआई से जांच कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने ये आदेश तपन कंडू की पत्नी पूर्निमा कंडू की प्रार्थना के बाद दिया। न्यायमूर्ति राजशेखर महंता ने इस मामले में जांच एजेंसी को 45 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
इससे साथ ही कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को इस मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश भी दिया। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्षद तपन कंडू पश्चिम बंगाल की पुरुलिया जिले की झालदा नगर पालिका क्षेत्र से पार्षद चुने गए थे। 13 मार्च को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस कर रही थी। वहीं, तपन कंडू की पत्नी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर एक याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने ये आदेश दिया।