यूपी (मानवी मीडिया) बरेली में लोगों को नौकरी दिलाने के नाम 3000 करोड़ ठगने वाले साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। साइबर सेल थाना और नोएडा साइबर सेल की मदद से साइबर ठग को गिरफ्तार करके उसे जेल भेज दिया गया है। इस साइबर ठग की लंबे समय से टीमें तलाश में लगी थी। आरोपी पश्चिमी बंगाल का रहने वाला है, जो पूरा नेटवर्क चला रहा था। चीन, कोरिया, थाईलैंड आदि जगह इंडियन करेंसी अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की जाती थी। 3000 करोड़ रुपए की ठगी का मामला सामने आया है।
अक्टूबर 2021 में बरेली के साइबर थाना में ठगी का एक मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें बहेड़ी की रहने वाली एक शिक्षिका से 2.10 लाख की ठगी की गई थी। इसके बाद से साइबर थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी। इस गैंग की तलाश में नोएडा साइबर सेल भी लगी थी। फ्री मोबाइल रिचार्ज, बिना ब्याज लोन और तुरंत दुगने रुपये के नाम पर ठगी करते थे।
बरेली और नोएडा की संयुक्त टीम ने इस मामले में पश्चिमी बंगाल के मंजारूल इस्लाम को हिरासत में लिया गया। उसके अलग-अलग बैंक स्टेटमेंट निकाले गए तो पूरा मामला खुलता चला गया। इस मामले में चार पांच अन्य लोग भी हैं। एक साल में 3000 करोड रुपये का चूना लगाया गया। लालच देकर लोगों के अकाउंट पलक झपकते ही खाली कर देते थे। इस नेटवर्क में कोई और नहीं बल्कि चीन का भी एक सदस्य जुड़ा पाया गया है। महाराष्ट्र का एक व्यक्ति जेल में है।
थाईलैंड, कोरिया, साउथ अफ्रीका, चीन आदि जगह नेटवर्क फैला दिया था, जो भी इंडियन करेंसी होती थी। उसे विदेशी अकांउट में ट्रांसफर किया जाता था। क्रिप्टो करेंसी ठगी का भी खेल है। एक-एक दिन में 15 से 16 करोड़ रुपये गैंग ठगी करता था। जांच पड़ताल में पता चला है, करीब 2000 से 3000 पन्नों के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट निकालेंगे। जिसमें कुछ लोग पहले ही जेल में हैं।
बरेली सायबर थाने के इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने बताया, बहेड़ी निवासी एक शिक्षिका ने अक्टूबर 2021 में एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई। जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट निकालने के बाद आरोपियों तक पहुंचने का रास्ता साफ हुआ। इस मामले में पश्चिमी बंगाल के मंजारूल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। उसने अपने कई साथियों के भी नाम बताएं हैं, जो चीन, कोरिया, थाईलैंड आदि जगह के हैं। ठगी का एक नेटवर्क है। मामले की जांच चल रही है। आरोपी मंजारूल को जेल भेज दिया गया है।