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Wednesday, April 13, 2022

उ0प्र0 के शीर्ष 25 माफियाओं एवं उनके गिरोहों पर की गई कार्यवाही की हुयी समीक्षा


लखनऊः( मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  के निर्देश पर प्रदेश में जीरो टालरेन्स की नीति पर चलते हुए अपराधियों, माफियाओं, महिला एवं बाल अपराधों में लिप्त अभियुक्तों को कठोरतम दण्ड दिलाये जाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासो में और तेजी लायी गई है। इस सम्बन्ध में आज योजना भवन से एक वीडियों कान्फ्रेन्सिंग का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम सें जनपदवार किये गये प्रयासों की गहन समीक्षा की गयी।

वीडियों कान्फ्रेन्सिंग की अध्यक्षता करते हुये अपर मुख्य सचिव, गृह,  अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार के माफियाओं को चिन्हित कर उनके विरूद्व गैंगेस्टर एक्ट में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय, ताकि जमीनी स्तर पर अपराधियों में सरकार की सख्त कार्यवाही का संदेश जाये।

अपर मुख्य सचिव, गृह ने अभियोजन विभाग की पूरी मशीनरी सेे अपेक्षा की कि वह और अधिक गतिशीलता से कार्य करते हुये प्रदेश में कानून के शासन की भावना को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा मे अपना सम्पूर्ण समर्पण एवं सहयोग प्रदान करे। उन्होंने माफियाओं, जघन्य अपराधियों, महिला व बाल अपराधों में शामिल अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर अधिकतम सजा दिलाये जाने यथा मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास, 10 वर्ष या उससे अधिक एवं 10 वर्ष या उससे कम अवधि की सजा दिलाये जाने मे अब तक हुई प्रगति की जिलेवार गहन समीक्षा की।

 अवस्थी ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थानें में टाप 10 अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरूद्व नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय तथा उनपर लगातार सतर्क दृष्टि रखी जाय। यदि इन अपराधियों द्वारा किसी भी जनपद में अपराध किया जाता है तो सम्बन्धित थाना स्तर एवं उक्त जनपद के अन्य सम्बन्धित पुलिस अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।

 प्रमुख सचिव, न्याय ने कहा कि गैंगेस्टर एक्ट में जिले में लम्बित प्रकरणों की प्रभावी समीक्षा मानीटरिंग सेल की बैठक में की जाय तथा गवाहों का पूर्ण विवरण उनके फोन नम्बर सहित चार्जशीट में भी अंकित किया जाय ताकि अभियोजन पक्ष को मद्द मिल सके। उन्होंने गवाहों की सुरक्षा के लिये भी समुचित प्रयास किये जाने पर भी विशेष बल दिया।

 पुलिस महानिदेशक,  मुकुल गोयल ने कहा कि अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर अधिकतम दण्ड दिलाये जाने में अभियोजन कार्य से जुड़े अधिकारियों का विशेष महत्व है, जिसके लिये उन्हे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी लगन व निष्ठा से करना होगा। उन्होंने लम्बित चार्जशीट व फाइनल रिपोर्ट के प्रकरणों को न्यायालय में शीघ्र दाखिल किये जाने पर विशेष बल दिया।

 अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन,  आशुतोष पाण्डेय ने आई0सी0जे0एस0 प्रणाली के प्रभावी उपयोग पर बल देते हुये कहा कि इससे पुलिस, अभियोजन, कारागार विभाग को कोर्ट से संबंधित जानकारी तत्काल मिलने मे सहायता मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि वाद विचारण, चार्ज फ्रेेफिंग से लेकर अंतिम बहस तक का कार्य समयबद्व रूप से योजना बनाकर किया जाय ताकि बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके।

वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप आगामी योजना के अन्तर्गत अगले 100 दिनों के कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में अपराधियों एवं माफियाओं को कठोर दण्ड से दण्डित कराये जाने तथा महिलाओं और बालिकाओं के विरूद्ध अपराध, आयुध अधिनियम एवं जहरीली शराब से संबंधित आबकारी अधिनियम से संबंधित अपराधों में इस अभियान के अन्तर्गत संबंधित अपराधों में पिछले सात दिनों में की गयी कार्यवाहियों का जनपदवार विस्तृत मूल्यांकन किया गया।

प्रदेश के चिन्हित शीर्ष 25 माफियाओं एवं उनके गिरोहों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की समीक्षा में बताया गया कि विगत एक सप्ताह में जनपद फतेहपुर में 2 तथा बदायूँ, जालौन, बांदा, हमीरपुर एवं मऊ में एक-एक अपराधियों को सजा दिलाई गई। शेष जनपदों द्वारा इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।

पॉक्सो न्यायालयों में पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में 48 मामलों में सजा करायी गयी। इन कार्यवाहियों में झाँसी एवं बरेली में सर्वाधिक क्रमशः 5 एवं 4 तथा बाराबंकी, वाराणसी, कानपुर नगर, जालौन एवं सीतापुर में 3-3, चंदौली, गौतमबुद्धनगर एवं रायबरेली में 2-2 तथा आगरा, बदायूँ, बस्ती, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, इटावा, औरैया, अयोध्या, अमेठी, मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर, हापुड़, सहारनपुर, फतेहपुर, बाँदा एवं भदोही में 1-1 सजा करायी गयी।

बीते सप्ताह मे महिलाओं के विरूद्ध लैंगिक, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों में कुल 25 अभियुक्तों को सजा दिलाई गयी। इसमें 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 4 अभियुक्तों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा एवं 15 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी। इस अभियान में सबसे अधिक 3-3 अभियुक्तों को आजीवन कारावास कराने वाले जनपद शाहजहाँपुर एवं बदायूँ हैं। दस वर्ष या उससे अधिक सजा कराने में जनपद अलीगढ़ में 2 तथा कानपुर नगर एवं गाजीपुर में 1-1 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। दस वर्ष से कम सजा कराने वालों में जनपद गोण्डा में सर्वाधिक 6 अभियुक्त, जालौन में 3, मुजफ्फरनगर में 2 तथा आगरा, अमरोहा, सम्भल एवं कानपुर नगर में एक अभियुक्त को सजा दिलायी गयी।

पिछले सप्ताह विशेष और स्थानीय विधि (एस0एल0एल0) के अपराधों जैसे आयुध अधिनियम और जहरीली शराब के आबकारी अधिनियम के अपराधों में प्रगति की समीक्षा की गयी।

आयुध अधिनियम के कुल 48 मामलों में सजा करायी गयी जिसमें सर्वाधिक 9-9 अभियुक्तों को जनपद रामपुर एवं बिजनौर में, हापुड़ में 7, मुरादाबाद में 5, गाजियाबाद में 4, फिरोजाबाद, इटावा, खीरी, सुलतानपुर में 2-2 एवं सम्भल, कानपुर नगर, मेरठ, उन्नाव, गौतमबुद्धनगर एवं महोबा में 1-1 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। साथ ही जहरीली शराब से सम्बन्धित आबकारी अधिनियम में सजा करायी गयी।

अपर मुख्य सचिव, गृह  अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में सम्पन्न इस वीडियों कान्फ्रेन्सिंग मे प्रमुख सचिव, न्याय,  प्रमोद श्रीवास्तव, पुलिस महानिदेशक,  मुकुल गोयल, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था, प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन,  आशुतोष पाण्डेय व अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन,  नीरा रावत, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध, के0एस0पी0 कुमार सहित गृह, पुलिस व अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारी, चारो पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, डी0जी0सी0, ए0डी0जी0सी0, संयुक्त निदेशक अभियोजन एवं अभियोजन संवर्ग के सभी अभियोजन अधिकारियों ने भी समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया।

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