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Wednesday, March 9, 2022

LIC का IPO नही टलेगा , सेबी ने ड्राफ्ट को दी मंजूरी


नई दिल्ली (मानवी मीडिया): बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है। सेबी की यह मंजूरी ड्राफ्ट सौंपे जाने के 22 दिन के भीतर आई है। इससे पहले सेबी ने किसी भी आईपीओ के ड्राफ्ट को इतनी जल्दी मंजूरी नहीं दी थी। सेबी की मंजूरी से इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि एलआईसी आईपीओ टलने के बजाय जल्दी ही लॉन्च होने वाला है।

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि सेबी ने ड्राफ्ट को मंजूर करते हुए ऑब्जर्वेशन लेटर भी जारी कर दिया। इसके साथ ही अब एलआईसी आईपीओ को बाजार में उतारने का रास्ता साफ हो चुका है। सरकारी बीमा कंपनी ने सेबी के पास फरवरी में आईपीओ का ड्राफ्ट सौंपा था। सेबी को कहा गया था कि वह एलआईसी आईपीओ के ड्राफ्ट को मंजूरी देने का काम 3 सप्ताह में पूरा करे। आम तौर पर सेबी इस काम में महीनों का समय लगाता है।

ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि बाजार नियामक ड्राफ्ट को मार्च के पहले सप्ताह में मंजूरी दे सकता है। हालांकि बाद में ऐसी खबरें भी आ रही थीं कि रूस-यूक्रेन की लड़ाई के बीच शेयर मार्केट के बिगड़े हाल के चलते सरकार फिलहाल एलआईसी आईपीओ को टाल सकती है।

आईपीओ के ड्राफ्ट के अनुसार, एलआईसी के कुल 632 करोड़ शेयर होंगे, इनमें से करीब 31.6 करोड़ शेयर आईपीओ में बेचे जाएंगे। इस आईपीओ में एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए अलग से एक हिस्सा रिजर्व रखा जा रहा है। ड्राफ्ट में एलआईसी के पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी यानी करीब 3.16 करोड़ शेयर रिजर्व रखने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें QIBs के लिए 50 फीसदी शेयर रिजर्व होंगे, जबकि गैर-संस्थागत इन्वेस्टर्स के लिए 15 फीसदी हिस्सा अलग रखा जाएगा।

पहले कहा जा रहा था कि इस आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी में अपनी 10 फीसदी तक हिस्सेदारी बेच सकती है। ऐसा होता तो आईपीओ का साइज 1 लाख करोड़ रुपये के भी पार निकल सकता था। इस भारी-भरकम साइज से आशंकाएं उठने लगी थीं कि कहीं बाजार इसे सही से डाइजेस्ट न कर पाए। इस कारण सरकार अभी 5 फीसदी हिस्सेदारी ही बेचने जा रही है। सरकार इस आईपीओ से 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने का प्रयास कर रही है। साइज कम करने के बाद भी यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ बनने जा रहा है।

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