लखनऊ, ( मानवी मीडिया) 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कांग्रेस पार्टी द्वारा लखनऊ में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में महिला मार्च का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाई गई प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ष्लड़की हूं लड़ सकती हूंष् कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं बल्कि देश में नारी को सशक्त और सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है। यह उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस ने वादा किया और फिर महिला उम्मीदवारों को 40 प्रतिशत टिकट देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान में पूरे देश से कांग्रेस पार्टी की निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि शामिल होंगी। दिन में 12 बजे से शुरू होने वाला यह मार्च बेगम हजरत महल चौराहे से ऊदा देवी चौराहे तक वहां से होते हुए जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा के पास ख़त्म होगा।
उन्होंने ऊदा देवी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लखनऊ में पासी समाज में जन्मीं ऊदा देवी के पति लखनऊ के छठे नवाब वाजिद अली शाह अपनी सेना में सैनिकों को बढ़ाना चाहते थे, जिसमें एक सैनिक ऊदा देवी के पति भी थे। अपने पति को आज़ादी की लड़ाई के लिए सेना के दस्ते में शामिल होता देख निडर ऊदा देवी भी वाजिद अली शाह के महिला दस्ते में शामिल हो गईं। उन्होंने महिला दस्ते में रहकर और कई दलित महिलाओं को एक अलग बटालियन तैयार की, जिसे ‘दलित वीरांगनाओं’ के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने के साथ-साथ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है। नारी शक्ति के राजनीतिक पुनरोत्थान को अब कोई ताकत नहीं रोक सकती है और उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित इस मार्च में डॉक्टर्स, सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ खेल और सिने जगत से जुड़ी महिलाओं के अलावा कांग्रेस पार्टी की महिला पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल होंगी।
उन्होंने ऊदा देवी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लखनऊ में पासी समाज में जन्मीं ऊदा देवी के पति लखनऊ के छठे नवाब वाजिद अली शाह अपनी सेना में सैनिकों को बढ़ाना चाहते थे, जिसमें एक सैनिक ऊदा देवी के पति भी थे। अपने पति को आज़ादी की लड़ाई के लिए सेना के दस्ते में शामिल होता देख निडर ऊदा देवी भी वाजिद अली शाह के महिला दस्ते में शामिल हो गईं। उन्होंने महिला दस्ते में रहकर और कई दलित महिलाओं को एक अलग बटालियन तैयार की, जिसे ‘दलित वीरांगनाओं’ के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने के साथ-साथ राजनीति में महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है। नारी शक्ति के राजनीतिक पुनरोत्थान को अब कोई ताकत नहीं रोक सकती है और उत्तर प्रदेश से इसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित इस मार्च में डॉक्टर्स, सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ खेल और सिने जगत से जुड़ी महिलाओं के अलावा कांग्रेस पार्टी की महिला पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल होंगी।