लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन परिसर में आयोजित त्रिदिवसीय प्रादेशिक फल, शाक-भाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने कहा कि फल, शाक-भाजी व पुष्प की प्रदर्शनी से किसानों, बागवानों एवं पुष्प प्रेमियों को अपनी प्रतिभा से तैयार किये गये उन्नत किस्म के फल, पुष्प व शाक-भाजी को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। उन्नत प्रकार के फूल, फल, शाकभाजी को बढ़ावा देने की दृष्टि से आयोजित प्रदर्शनी का लाभ किसानों तथा फल-फूल से जुड़े व्यवसाय करने वालों को पहुंचेगा। साथ ही प्रदर्शनी से किसानों को उचित मार्गदर्शन व उनके ज्ञान में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण एवं फसलों के उचित संरक्षण से किसानों की आय दोगुनी हो सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि सलाद वाली प्रजातियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए ताकि इसके उपयोग का ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर महिलाओं एवं बच्चों को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि किसानों के समृ़द्ध होने से देश समृद्ध होता है। इसके साथ ही हमारे बच्चे भी सशक्त बनते हैं। क्योंकि उन्हें फल एवं सब्जियों के माध्यम से भरपूर पोषण मिलता है। राज्यपाल जी ने कहा कि पिछले वर्ष पुष्प प्रदर्शनी को 50,000 से अधिक दर्शकों ने देखा था, जिसका लाभ उन्हें अवश्य मिला होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से फल, सब्जी, मसाला, औषधीय पौधे तथा फूलों आदि के गुणात्मक उत्पादन में विशेषज्ञों के द्वारा तकनीकी जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कृषि विश्वविद्य़ालयों का आह्वान कि वे किसानों तथा बागवानी में रूचि रखने वाले लोगों को प्रगतिशील कृषि के संबंध में जानकारी दें।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश तथा देश में बढ़ी संख्या में एफ0पी0ओ0 हैं। विश्वविद्यालयों तथा कृषि से जुड़े अधिकारियों को चाहिए कि वे उनके साथ संवाद स्थापित करके आ रही विभिन्न समस्याओं का निराकरण करें तथा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।राज्यपाल ने कहा कि जिन किसानों के पास जमीन नहीं है वे भी फल सब्जी उगाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को गमलों में तथा घर के आसपास खाली जगहों में फल एवं सब्जी उगाने के संबंध में तकनीकी जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से बागवानी के प्रति लोगों में अभिरूचि पैदा होगी तथा रोपित पौधों से पर्यावरणीय समस्या पर भी निदान पाया जा सकेगा।
प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि राजभवन में ये 53वीं प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी है। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के फल, शाकभाजी, पुष्प एवं औषधीय फसलों की खेती करने वाले उत्पादकों ने अपने सजीव प्रदर्श प्रदर्शित किये हैं। प्रदर्शनी में फल संरक्षण एवं कलात्मक पुष्प सज्जा की प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी है। प्रदर्शनी को 36 श्रेणी एवं 490 वर्गों में विभाजित किया गया है, जिसमें कुल 686 किस्में प्रदर्शित की गयी हैं तथा प्रत्येक वर्ग में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार दिये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसकी धनराशि पूर्व की तुलना में दुगनी कर दी गयी है। मुख्य सचिव ने बताया कि विगत 5 वर्ष में ओलरी कल्चर एवं फ्लोरी कल्चर के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है नई-नई विधाएं तथा नई-नई प्रजातियां प्रदेश में आयी हैं इनको लगातार तकनीकी विकास के साथ-साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि इस प्रदर्शनी में सदाबहार पत्तियों व फूलों वाले गमले में शीतकालीन मौसमी फूलों, गमलों के कलात्मक समूह, गमलों में लगी शाकभाजी, औषधीय एवं सगंध पौधों तथा बोगनविलिया का प्रदर्शन किया गया है। प्रादेशिक फल शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी में अब तक कुल 1758 प्रतिभागियों द्वारा 6817 प्रदर्शों की इन्ट्री लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जनपदों द्वारा की गयी है।
इसके साथ ही प्रदर्शनी में महिलाओं, बच्चों एवं मालियों द्वारा की गयी कलात्मक साज-सज्जा, शाकभाजी, फल एवं कट फ्लावर, पान, शहद एवं फल संरक्षण उत्पादों आदि का भी प्रदर्शन आकर्षण ढंग से किया गया है।
प्रदर्शनी में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रदर्शों का मूल्यांकन विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा किया गया। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उद्यान के प्रतिभागियों को निर्धारित पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जायेगा।
कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने प्रदर्शनी की स्मारिका का विमोचन भी किया तथा प्रदेश मे औद्यानिक गतिविधियों से जुड़े हुए 13 प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव उद्यान एम0वी0एस0 रामी रेड्डी, मण्लायुक्त रंजन कुमार, विशेष सचिव राज्यपाल बी0एन0 सिंह, विशेष सचिव उद्यान संदीप कौर, निदेशक उद्यान डा0 आर0 के0 तोमर सहित बड़ी संख्या में प्रकृति प्रेमी एवं प्रगतिशील कृषक तथा दर्शकगण उपस्थित थे।