लखनऊ (मानवी मीडिया) शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में मायावती और ओवैसी का योगदान बताया है। राउत ने कहा, "बीजेपी को बड़ी जीत मिली है, यूपी उनका राज्य था फिर भी अखिलेश यादव की सीटें बढ़ गई है। बीजेपी की जीत में मायावती और ओवैसी का योगदान है इन सबको पद्मविभूषण और भारत रत्न देना पड़ेगा। हम लोग खुश हैं, हार-जीत होती रहती है। आपकी खुशी में हम भी शामिल हैं।
संजय राउत ने भले ही भाजपा पर यह चुनावी हमला किया हो, लेकिन राजनीतिक जानकार उनके आरोप को पूरी तरह सही नहीं मानते हैं। इसकी वजह ये है कि मायावती की बहुजन समाज पार्टी के कमजोर होने का फायदा केवल बीजेपी को ही नहीं मिला है। लंबे समय तक बसपा का वोटबैंक रहा दलित समाज कई विधानसभा सीटों पर सपा उम्मीदवारों को समर्थन करता नजर आया है,ऐसे दलित मतदाता जिनकी रोजी-रोटी पर कोरोना-लॉ'- कडाउन का गहरा असर पड़ा, उनमें भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी देखी गई,इन मतदाताओं ने सपा प्रमुख अखिलेश को सीएम योगी आदित्यनाथ के विकल्प के तौर पर देखा,
जहां तक बात AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की है, वो बिहार जैसा कारनामा यूपी में बिलकुल नहीं कर पाए,AIMIM को आधी फीसदी (0.49%) भी वोट भी नहीं मिले हैं। जानकारों का मानना है कि मुस्लिम वोट सपा की तरफ एकमुश्त गए हैं। मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में कई सपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। यूपी के मुसलमान मतदाताओं ने ओवैसी को सर्वसम्मति से अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है।