नई दिल्ली (मानवी मीडिया) भारत में पहली बार इस बात पर रिसर्च हो रही है कि क्या मृत शरीर में मौजूद स्पर्म से बच्चे पैदा किए जा सकते हैं. इस बारे में गहन अध्ययन के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने डेड बॉडीज में जीवन की तलाश का ये काम भोपाल एम्स को सौंपा है.
देश का पहला संस्थान होगा भोपाल एम्स
मीडिया की खबरों के अनुसार, भोपाल AIIMS देश का पहला संस्थान होगा, जो इस तरह की रिसर्च करेगा. 3 साल तक चलने वाली इस रिसर्च की रिपोर्ट आईसीएमआर को सौंपी जाएगी.
जनवरी 2022 से शुरू हो चुका है काम
एफएमटी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र विदुआ, डॉ. अरनीत अरोरा और एडिशनल प्रोफेसर पैथोलॉजी डॉ. अश्वनी टंडन ने इस रिसर्च पर बीती 1 जनवरी से काम शुरू कर दिया है. इस रिसर्च के लिए तकनीकी उपकरण खरीदी की प्रक्रिया की जा रही है. इसके लिए आईसीएमआर ने 35 लाख रुपये का बजट भी स्वीकृत किया है. आईसीएमआर ने इस प्रोजेक्ट को साल 2020 में ही मंजूरी दे दी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण प्रोजेक्ट जनवरी 2022 में शुरू हो सका है.
रिसर्च का ये है मुख्य उद्देश्य
इस रिसर्च का मुख्य उद्देश्य परिवार आगे बढ़ाना है. किसी सड़क हादसे या अन्य किसी तरह से युवा व्यक्ति की जान चली गई हो लेकिन परिवार उसी से अपने परिवार को आगे बढ़ाना चाहता हो तो ऐसी परिस्थिति में मृत व्यक्ति के स्पर्म की मदद से बच्चे पैदा किए जा सकेंगे. रिसर्च में ये पता किया जाएगा कि मृत शरीर में स्पर्म कब तक जीवित रह सकते हैं. भारतीय समाज में परिवार की फीमेल के लिए इस व्यवस्था की स्वीकार्यता कितनी है. व्यक्ति की मौत के कितने समय बाद तक स्पर्म गतिशील रह सकते हैं और उनकी संख्या किस औसत से घटती है.
भारत में फिलहाल इस तरह के सवालों पर कोई रिसर्च नहीं हुई है. कुछ वेस्टर्न देशों में इसे लेकर गाइडलाइन बनाई जा चुकी हैं.
पहले भी आया था कुछ ऐसा मामला
बता दें जुलाई 2016 में नई दिल्ली के एम्स में युवक की इलाज के लिए ले जाते वक्त मौत होने पर विधवा पत्नी ने अस्पताल प्रशासन के सामने एक अजीब सी मांग रख दी थी. विधवा पत्नी ने गर्भधारण करने के लिए अपने पति के स्पर्म की मांग की थी. हालांकि उसकी इस इच्छा को पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि मृत व्यक्ति के शरीर से स्पर्म निकालने को लेकर देश में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं थे. उस समय एम्स के डॉक्टर ने बताया था कि मानव के शरीर में मृत्यु के 24 घंटे तक स्पर्म जिंदा रहते हैं. मृत शरीर से स्पर्म निकालना एक बेहद आसान और पांच मिनट की प्रक्रिया है.