अखिलेश की यह टिप्पणी बुधवार शाम सीतापुर में एक समारोह से इतर पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में आई।
अखिलेश ने कहा, आपका सीतापुर लखीमपुर खीरी का पड़ोसी जिला है। अगर कश्मीर पर फिल्म बनी है तो लखीमपुर खीरी कांड पर भी फिल्म बनाई जा सकती है। 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले में हिंसा भड़क उठी थी, जब कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की एक एसयूवी ने चार किसानों और एक पत्रकार को कुचल दिया था।
इसके बाद हुई हिंसा में तीन अन्य मारे गए।
हिंसा तीन कृषि कानूनों के विरोध के दौरान हुई थी। हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद अखिलेश का लखनऊ से बाहर यह पहला दौरा था, जिसमें सपा ने 111 सीटें जीती थीं, जबकि उसके दो सहयोगियों (राष्ट्रीय लोक दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) ने मिलकर 14 सीटें हासिल की थीं।
भाजपा 255 सीटों के साथ सत्ता में लौटी और उसके दो सहयोगियों (अपना दल-एस और निषाद पार्टी) को एक साथ 18 सीटें मिलीं। अखिलेश ने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनावों में नैतिक जीत हासिल की है। उन्होंने कहा, चुनावों में सपा और सहयोगियों की नैतिक जीत हुई। जनता सपा को भाजपा के विकल्प के रूप में मानती है। हमारी सीटों और वोट शेयर में काफी वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, भाजपा की सीटों में कमी आई है। भाजपा की सीटें भविष्य में कम होंगी।
उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के बुनियादी मुद्दे जो युवाओं को चिंतित करते हैं, वे अभी भी वहीं हैं।