भारत में महिलाओं को बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी' - मानवी मीडिया

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Wednesday, March 9, 2022

भारत में महिलाओं को बीमा के प्रति जागरूकता बढ़ाना जरूरी'



नयी दिल्ली (मानवी मीडिया): बीमा क्षेत्र में काम करने वाली ऑनलाइन कंपनी पॉलिसी बाजार की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में वित्तीय नियोजन और बीमा कवरेज के मामले में स्त्री-पुरुष के बीच अंतर है हलांकि अब इस अंतर में धीरे-धीरे कमी आ रही है। पॉलिसी बाजार की इस रिपोर्ट में बीमा नियामक इरडाई की वार्षिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि वर्ष 2021 में 2.81 करोड़ नयी पॉलिसी जारी की गयीं। जिसमें 93 लाख (33प्रतिशत) पॉलिसी महिलाओं के नाम थीं। इससे एक साल पहले यह अनुपात 32 प्रतिशत था।

इरडाई की वार्षिक रिपोर्ट के हवाले से पॉलिसीबाजार डॉट कॉम ने कहा है कि स्वास्थ्य बीमा की तुलना में जीवन बीमा की जरूरतों के बारे में महिला उपभोक्ता महत्वपूर्ण रूप से जागरूक हैं, जबकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के अनुसार लगभग 20% महिलाओं को स्वास्थ्य बीमा द्वारा कवर किया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केरल, सिक्किम और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्यों में से हैं जहाँ जीवन बीमा पॉलिसियों की सबसे अधिक महिला उपभोक्ता हैं, जबकि हरियाणा, यूपी और जम्मू-कश्मीर इस सूची में सबसे नीचे हैं।

पॉलिसीबाजार के नवीनतम वित्त वर्ष 2021-22 डेटा के अनुसार 45 प्रतिशत बीमा पॉलिसी 25-40 वर्ष की आयु वर्ग वाली महिलाओं द्वारा खरीदी गई है, जबकि 40-55 वर्ष की आयु वर्ग में महिलाओं की 30% हिस्सेदारी पायी गई है। इस डेटा में यह भी बताया गया है कि 1 करोड़ रुपये की उच्च बीमा राशि का विकल्प चुनने वाली महिला उपभोक्ताओं की संख्या में सालाना आधार पर 45% की वृद्धि हुई है, जो महिलाओं में स्वास्थ्य बीमा के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश महिलाएं व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में निवेश कर रही हैं। जहां 62% महिलाओं ने व्यक्तिगत स्वास्थ्य योजना का विकल्प चुना, वहीं शेष 38% ने फैमिली फ्लोटर योजना में निवेश किया है। यह महिलाओं द्वारा अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य आवश्यकताओं पर ध्यान देने का एक सकारात्मक संकेत है

पॉलिसीबाजार के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (जीवन बीमा) संतोष अग्रवाल ने कहा, ''हमारे देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अभी पीछे हैं, जिसमें एक क्षेत्र बीमा भी है। बीमा को लेकर महिलाएं अभी प्रयाप्त रूप से जागरूक नहीं है। देश की आबादी में महिलाओं का हिस्सा 49 प्रतिशत है। उनकी वित्तीय सुरक्षा के लिए इस क्षेत्र में स्त्री-पुरुष के बीच अंतर को पाटना जरूरी है।''

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