नई दिल्ली (मानवी मीडिया) संघ लोक सेवा आयोग ने आज (सोमवार को) सुप्रीम कोर्ट को बताया कि तीन अभ्यर्थियों की याचिका में उठाया गया मुद्दा ‘बहुत जटिल’ है. इन अभ्यर्थियों ने यूपीएससी 2021 में प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी लेकिन कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के कारण मुख्य परीक्षा में नहीं बैठ सके थे. अब वे परीक्षा में बैठने का एक और मौका देने की मांग कर रहे हैं.
परीक्षा का परिणाम आने से पहले मिले मौका
याचिकाकर्ताओं ने यूपीएससी को नतीजे आने से पहले उन्हें परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त मौका देने या बाकी के उन पेपर को देने की कोई व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है जिनमें वे बैठ नहीं पाए थे.
यूपीएससी ने मामले को बताया 'जटिल'
यूपीएससी की तरफ से पेश हुए वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेने से पहले निर्देश लेने होंगे और सभी पहलुओं को पेश करना होगा.
दो जजों की बेंच कर रही केस की सुनवाई
यूपीएससी के वकील ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच से कहा, ‘मुझे लगता है कि ये मुद्दा बहुत जटिल है. मुझे लगता है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले मुझे निर्देश लेने होंगे और आपके सामने सभी पहलुओं को पेश करना होगा.’
बेंच ने मामले पर सुनवाई के लिए 21 मार्च की तारीख तय कर दी और कहा कि अगली सुनवाई पर सभी पक्ष हलफनामे दायर करें. तीन में दो याचिकाकर्ता शुरुआत के कुछ पेपर देने के बाद 7 से 16 जनवरी के बीच हुई मुख्य परीक्षा में नहीं बैठे थे जबकि तीसरा अभ्यर्थी कोविड के कारण किसी भी परीक्षा में नहीं बैठ पाया था.
याचिकाकर्ताओं ने वकील शशांक सिंह के जरिए दायर याचिका में कहा है कि वे 13, 14 और 6 जनवरी को आरटीपीसीआर जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए जिसके कारण वे यूपीएससी की मुख्य परीक्षा नहीं दे पाए थे.