यूपी (मानवी मीडिया) असेंबली चुनाव में भाग लेने का फैसला असदुद्दीन ओवैसी के सही साबित नहीं हुआ. इन चुनाव में यूपी की जनता ने ओवैसी की पार्टी AIMIM को बुरी तरह नकार दिया.
आधा फीसदी से भी कम मिले वोट
गुरुवार को जारी हुई चुनाव के नतीजों में AIMIM के अधिकतर उम्मीदवार 5 हजार से ज्यादा वोट हासिल नहीं कर पाए. शाम 4 बजे तक की काउंटिंग में ओवैसी की पार्टी को यूपी में आधा फीसदी से भी कम वोट मिलता हुआ नजर आया.
5 हजार तक भी नहीं पहुंचे उम्मीदवार
चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 4 बजे तक आजमगढ़ से AIMIM के उम्मीदवार कमर कमाल को 1368 वोट, देवबंद सीट से उमैर मदनी को 3145 वोट, जौनपुर से अभयराज को 1340 और कानपुर कैंट से मुइनुददीन को 754 वोट मिले थे. इसी तरह लखनऊ सेंट्रल से सलमान को 463 वोट, मुरादाबाद से बकी रशीद को 1266, मेरठ से इमरान अहमद को 2405, मुरादाबाद ग्रामीण से मोहीद फरगनी को 1771 वोट और निजामाबाद से अब्दुररहमान अंसारी को 2116 वोट हासिल हो चुके थे. मुजफ्फर नगर से मो. इंतजार को 2642 वोट, संडीला से मो रफीक को 1363, टांडा से इरफान को 4886, सिराथू से यार मोहम्मद को 571 और बहराइच से राशिद जमील को 1747 वोट प्राप्त हो चुके थे.
ओवैसी ने यूपी में उतारे थे 100 कैंडिडेट
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक यूपी में AIMIM को अभी तक 0.43 फीसदी वोट प्राप्त हुए हैं. AIMIM ने यूपी असेंबली चुनाव में 100 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने का दावा किया था. ओवैसी ने अपने उम्मीदवार उन्ही सीटों पर उतारे थे जो मुस्लिम बाहुल्य थी. गुरुवार को समाने आए चुनावी नतीजों से स्पष्ट है कि उन्हें यूपी के मुसलमानों समेत आम मतदाताओं ने बुरी तरह नकार दिया.
2017 में 37 कैंडिडेट को लड़ाया था चुनाव
बताते चलें कि असदुद्दीन ओवैसी ने वर्ष 2017 में भी यूपी असेंबली का चुनाव लड़ा था. उस दौरान उन्होंने प्रदेश की 38 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे. जिनमें से 37 सीटों पर उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. इस बार भी उनके अधिकतर उम्मीदवार 5 हजार वोटों के भीतर सिमटकर रह गए.