नई दिल्ली (मानवी मीडिया)-कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से अपील कि है कि कोरोना के कारण लंबे समय से बंद स्कूलों के खुलने के बाद अब मध्याह्न भोजन की व्यवस्था फिर से आरंभ की जाए ताकि बच्चों को गर्म और पका हुआ पौष्टिक भोजन मिल सके।
बुधवार को सोनिया गांधी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि महामारी शुरू होने के बाद स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। स्कूल सबसे पहले बंद हुए और सबसे आखिर में खुले। इस दौरान मध्याह्न भोजन बंद हो गया था।
उन्होंने कहा कि सूखा राशन बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है। इन बच्चों के परिवारों को आजीविका के संकट का सामना करना पड़ा है और अब बच्चे स्कूलों में जाना शुरू हो गए रहे हैं तो उन्हें और बेहतर पोषण की आवश्यकता है।
सोनिया गांधी ने सरकार से आग्रह किया कि बच्चों को स्कूल में गर्म और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना तुरंत आरंभ किया जाए।
सोनिया गांधी ने कहा, “कोरोना जैसा ऐसा संकट पिछले कई वर्षों में पहले कभी नहीं आया था। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत लोगों को राशन दिया गया लेकिन बच्चों के लिए पके हुए भोजन की कोई व्यवस्था नहीं थी।”
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में लौट रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की जरूरत है। मध्याह्न भोजन से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो इस महामारी के आने के बाद से स्कूल जाना छोड़ चुके हैं।