पटना (मानवी मीडिया) अरुणाचल प्रदेश की विधान सभा में मेंस्टूअल लीव (मासिक धर्म) के मुद्दे पर जमकर विवाद हुआ और भारतीय जनता पार्टी के कई सदस्यों ने महिलाओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी मुद्दे पर सदन में चर्चा करने से इनकार कर दिया. इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी पर हमला बोला है और कहा है कि बीजेपी विधायकों का बस चले तो महिलाओं को महावारी के दौरान सदन में घुसने तक न दें.
पीरियड लीव पर चर्चा को अशुभ मानती है बीजेपी: राजद
राजद की प्रवक्ता रितु जायसवाल ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोला है और कहा है कि एक सोच लालू प्रसाद यादव की थी, जिन्होंने महावारी के दौरान की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए बिहार में 'पीरियड लीव' को स्वीकृति दी थी और एक सोच भाजपा की है, जो सदन में इसपे चर्चा भी अशुभ मानती है.
'BJP का बस चले तो महावारी के दौरान सदन में घुसने न दें'
रितु जायसवाल ने ट्वीट कर कहा, 'महिलाओं के प्रति एक सोच माननीय लालू प्रसाद यादव की थी, जिन्होंने महावारी के दौरान की पीड़ा को ध्यान में रखते हुए बिहार में 'पीरियड लीव' को स्वीकृति दी थी और एक सोच भाजपा की है, जो सदन में इसपे चर्चा भी अशुभ मानती है. इनका बस चले तो महिलाओं को महावारी के दौरान सदन में घुसने तक न दे.'
क्या है पूरा मामला और कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, अरुणाचल प्रदेश विधान सभा में कांग्रेस विधायक निनांग एरिंग ने सदन में चर्चा के लिए एक प्राइवेट मेंबर बिल रखा, जिसमें काम करने वाली महिलाओं के लिए पीरियड लीव की मांग की गई थी. उन्होंने प्रस्ताव रखा था कि मासिक पीरियड शुरू होने के पहले दिन वर्किंग महिलाओं और लड़कियों को छुट्टी दी जाए. निनांग एरिंग ने जापान और इटली के अलावा बिहार और केरल राज्य का हवाला देते हुए कहा कि यहां मासिक धर्म के दौरान छुट्टी का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि पीरियड लीव का प्रावधान महिलाओं और लड़कियों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करेगा.
कांग्रेस विधायक निनांग एरिंग का यह प्रस्ताव भारतीय जनता पार्टी के कई विधायकों को पसंद नहीं आया और बीजेपी एमएलए लोकम टेसर ने इसे गंदी चीज बता दिया. लोकम टेसर ने कहा कि विधानसभा में चर्चा के लिए मासिक धर्म एक गंदी चीज है और इस पर राज्य के महिला आयोग को संज्ञान लेना चाहिए.