चंडीगढ़: (मानवी मीडिया)डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हरियाणा सरकार ने Z प्लस सिक्योरिटी दी है. पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादियों से जान का खतरा बताते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाई है. हरियाणा की सरकार ने सुरक्षा का आधार एडीजीपी (CID) की रिपोर्ट को बनाया है. सरकार ने कहा कि खालिस्तान समर्थक डेरा प्रमुख को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए उन्हें कड़ी सिक्योरिटी दी जा रही है.
राम रहीम फिलहाल 21 दिन की फरलो पर बाहर हैं. पंजाब में वोटिंग से पहले मिली फरलो पर विपक्ष ने सवाल खड़े करते हुए हरियाणा सरकार को घेरा था. इस फैसले की वजह डेरे के अनुयाइयों को बताया जा रहा था हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राम रहीम को मिली राहत का पंजाब चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है.
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में बताई वजह
हाई कोर्ट में पेश रिकॉर्ड से यह बात भी सामने आई है कि डेरा प्रमुख को खालिस्तान समर्थक तत्वों से खतरा है. इसके चलते प्रदेश सरकार ने जेल से फरलो पर रिहाई के बाद उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी है. रिकॉर्ड की जांच से पता चला है कि डेरा प्रमुख को रिहा करने की प्रक्रिया महाधिवक्ता (एजी) की कानूनी राय लेने के बाद शुरू की गई थी. पिछले साल भी, डेरा प्रमुख को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए सुबह से शाम तक का आपातकालीन पैरोल दी गई थी. वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भी कुछ मौकों पर जेल से बाहर आए थे. राम रहीम अबतक हरियाणा के रोहतक जिला स्थित सुनरिया जेल में बंद थे.
क्यों जेल में हैं राम रहीम?
हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह हत्या के मामलों में सीधे तौर पर शामिल नहीं है. उन्हें सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने के लिए ही दोषी ठहराया गया था. वो हार्ड कोर अपराधी नहीं हैं और पांच साल जेल में बिताने के कारण भी वह फरलो का अधिकारी है. 54 साल के राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहे हैं. राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था.