लता मंगेशकर की सुरीली आवाज में संगीत सुनकर जो सुख और आनन्द की अनूभूति होती है उसको वर्णित नही किया जा सकता - सीमा राजपूत
बागपत (मानवी मीडिया)सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक एवं संगीत प्रेमी डॉ विभाष राजपूत और उनकी पत्नी सीमा राजपूत ने स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। डॉ विभाष राजपूत ने लता जी के जाने को संगीत जगत की अपूर्णिय क्षति बताया। कहा कि लता मंगेशकर जैसी महान शख्सियत सदियों में कभी-कभार ही जन्म लेती है। सीमा राजपूत ने बताया कि लता मंगेशकर की सुरीली आवाज में संगीत सुनकर जो सुख और आनन्द की अनूभूति होती है उसको वर्णित नही किया जा सकता। बताया कि देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के अलावा पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सहित विश्व भर की अनको सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उनको सम्मानित व पुरस्कृत किया जा चुका है जो अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। संगीत के प्रति लगाव रखने वाले संगीत प्रेमी डॉ विभाष राजपूत और सीमा राजपूत ने कहा कि लता मंगेशकर का निधन संगीत के क्षेत्र में देश और विश्व के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई कर पाना संभव नही है। उनकी आवाज हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।विवेक जैन