नई दिल्ल (मानवी मीडिया) इनकम टैक्स विभाग के लेटेस्ट नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके अनुसार, टैक्सपेयर्स को 1.67 लाख करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है. पिछले दिनों 1.87 करोड़ से ज्यादा रकम इनके बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं. इसमें से 59,949 करोड़ रुपये पर्सनल इनकम टैक्स और 1,07,099 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट टैक्स के लिए रिफंड किए गए. अगर आपने भी अब तक स्टेटस चेक नहीं किया तो इस आसान विधि से फटाफट कर सकते हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कैसे चेक कर सकते हैं अपना टैक्स रिफंड.
रिफंड ऐसे प्राप्त करें
रिटर्न की प्रोसेसिंग के बाद टैक्स डिपार्टमेंट को लगता है कि आपका क्लेम सही है तो इसकी जानकारी SMS और ईमेल के जरिए आपको भेजी जाएगी. इस संदेश में डिपार्टमेंट बताएगा कि आपके खाते में कितनी रकम रिफंड (Refund amount) की जाएगी. साथ ही वह एक रिफंड सीक्वेंस नंबर भी भेजेगा. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 143 (1) (Income tax notice) के तहत यह सूचना भेजी जाती है.
टैक्सपेयर्स चेक करें रिफंड
भारतीय स्टेट बैंक रिफंड को प्रोसेस करता है. टैक्सपेयर्स के खाते में रिफंड सीधे क्रेडिट किया जाता है या फिर चेक या डिमांड ड्राफ्ट उसके पते पर भेज दिया जाता है. लिहाजा, सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि ITR फाइल करते समय बैंक का ब्योरा सही दिया जाए. रिफंड की रकम इसी खाते में आती है. हालांकि, कई बार टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिफंड भेजने में थोड़ी देरी हो सकती है.
इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस को ट्रैक करने के दो तरीके हैं.
1. इनकम टैक्स ई-फाइलिंग वेबसाइट पर
2. टिन NSDL वेबसाइट पर
ई-फाइलिंग वेबसाइट पर टैक्स रिफंड का स्टेटस चेक करने के लिए फोलो करें स्टेप्स
1. सबसे पहले www.incometaxindiaefiling.gov.in वेबसाइट पर जाएं.
2. पैन, पासवर्ड और कैप्चा कोड जैसी डिटेल को डालकर अपने अकाउंट में लॉग-इन करें.
3. 'रिव्यू रिटर्न्स/फॉर्म्स' पर क्लिक करें.
4. ड्रॉप डाउन मेनू से 'इनकम टैक्स रिटर्न्स' सेलेक्ट करें. जिस असेसमेंट ईयर का इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना चाहते हैं, उसका चयन करें.
5. अपने एकनॉलेजमेंट नंबर यानी हाइपरलिंक पर क्लिक करें.
6. एक पॉप-अप आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा जो रिटर्न की फाइलिंग की टाइमलाइन दिखाएगा. जैसे कि कब आपका आईटीआर फाइल और वेरिफाई किया गया था, प्रोसेसिंग के पूरे होने की तारीख, रिफंड इश्यू होने की तारीख इत्यादि.
7. इसके अलावा यह असेसमेंट ईयर, स्टेटस, विफल रहने का कारण और पेमेंट का तरीका भी दिखाएगा.