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Friday, February 4, 2022

देश के स्वतंत्रता आंदोलनों में उत्तर प्रदेश का योगदान बहुत अधिक::आनंदीबेन पटेल

                           


 ््  लखनऊः(मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन से गोरखपुर में आयोजित “चौरी-चौरा शताब्दी” महोत्सव के समापन समारोह में वर्चुअली प्रतिभाग किया। समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया और कहा कि ऐसे आयोजन सराहनीय हैं, इन कार्यक्रमों में समीपस्थ जनपदों के विद्यार्थियों को लाकर उनकी प्रतिभागिता भी करनी चाहिए। इससे बच्चों में देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले आंदोलनकारियों, शहीदों के प्रति सम्मान की भावना और देश प्रेम की भावना का विस्तार होता है।

बतौर मुख्य अतिथि समारोह को सम्बोधित कर रहीं राज्यपाल जी ने प्रदेश के शहीद स्मारकों और स्थलों पर अपने भ्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता आंदोलन में उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान रहा है, जबकि विद्यार्थियों में इसकी जानकारी कम है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और शिक्षकों को पठन-पाठन के अलावा ऐसे स्थलों का टूर भी करना चाहिए, जिससे अपने प्रदेश के अल्प ज्ञात गौरव को जान सकें और याद रख सकें। उन्होंने इस संदर्भ में मेरठ में स्थापित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर बनी वीथिका (गैलरी) का उल्लेख भी किया और कहा कि ऐसे स्थलों पर अन्य जनपद के विद्यार्थियों को भी टूर कराया जाना चाहिए।

राज्यपाल  ने अपने सम्बोधन में साल भर चले चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव की सराहना की और इस आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के अंतर्गत सम्पूर्ण प्रदेश में सक्रिय जन-सहभागिता से कराए गए कार्यक्रमों से जनसामान्य में शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति जानकारी बढ़ी है। उन्होंने अपने सम्बोधन में शहीद स्मारक चौरी-चौरा को एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय बनाने और इससे सम्बन्धित शोध कार्यों को प्रोत्साहित करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तीन ऐतिहासिक दिन 15 अगस्त-स्वतंत्रता दिवस, 26 जनवरी-गणतंत्र दिवस तथा 24 जनवरी-उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस को सभी विद्यालयों में समारोह पूर्वक मनाना चाहिए और कुछ दिन तक आयोजन किया जाना चाहिए, जिससे विद्यार्थियों की इसमें प्रतिभागिता बढ़े और उनमें अपने गौरव की जानकारी का विस्तार हो। उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव से इस प्रकार के आयोजनों को विस्तार देने की अपेक्षा की।

राज्यपाल  ने समारोह में चौरी-चौरा घटना पर आधारित तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों को स्कूलों में विद्यार्थियों के पठन-पाठन तथा सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रयोग हेतु उपलब्ध कराया जाये।

समारोह को ऑनलाइन सम्बोधित करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने गांधी  के असहयोग आंदोलन के दौरान गोरखपुर में हुई चौरी-चौरा की घटना को स्वतंत्रता आंदोलन में युगान्तरकारी बताया। उन्होंने कहा कि देश-प्रेम का वह उद्वेग अभूतपूर्व था जिसने अंग्रेजी शासन को हिला दिया था। इस घटना ने पूरे देश को जगा दिया था।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग ने राज्यपाल द्वारा कार्यक्रम में सहभागिता पर धन्यवाद देते हुए अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रदेश भर में कराए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में चौरी-चौरा घटना पर कार्यक्रमों की लघु फिल्म, आजादी पर काव्य पाठ तथा नृत्य नाटिका की मोहक प्रस्तुतियां भी हुईं तथा विभागों द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी गोरखपुर द्वारा शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि दी गई तथा शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया गया। समारोह में जहां मुख्य सचिव के साथ प्रदेश के डी.जी.पी. मुकुल गोयल भी ऑनलाइन सहभागी रहे वही समारोह स्थल पर बड़ी संख्या में जनता तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थेे।

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