लखनऊ। (मानवी मीडिया)श्रावस्ती जिले के कद्दावर सपा नेता और 290 श्रावस्ती विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद रमजान ने समाजवादी पार्टी को अलविदा कह दिया है। अब वे अपना राजनीतिक सफर कांग्रेस के साथ करेंगे। हाजी रमजान ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों और प्रियंका गाँधी के संघर्ष और संवाद से वह काफी प्रभावित हैं, यही वजह है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विशाल लोधी राजपूत ने बताया कि समाजवादी पार्टी ने हाजी मोहम्मद रमजान को बहराइच जिले के 285 मटेरा विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया था, लेकिन हाजी मोहम्मद रमजान ने सपा के टिकट को ठुकरा दिया है। श्रावस्ती जिले के भिनगा निवासी हाजी मोहम्मद रमजान 2012 से 2017 तक 290 श्रावस्ती विधानसभा क्षेत्र से सपा के पूर्व विधायक रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मात्र 445 मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
वर्ष 1992 में सपा के साथ राजनीति की शुरुआत करने वाले हाजी मोहम्मद रमजान 30 वर्षों तक पूरी निष्ठा के साथ पार्टी से जुड़े रहे। इस दौरान वे सपा से एमएलसी व विधायक रहे। पार्टी में उनकी गणना मुलायम सिंह यादव व आजम खां के करीबियों में होती थी। हाजी मोहम्मद रमजान 30 वर्षों तक पूरी निष्ठा के साथ समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे, लेकिन बदली परिस्थितियों में उन्हें कांग्रेस ही प्रदेश और देश के लिए ज़रूरी लग रही है। उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी के संघर्ष और संवाद से वे काफ़ी प्रभावित हैं। कांग्रेस ही बीजेपी के कुशासन से सच्चे अर्थों में निजात दिला सकती है।कांग्रेस के प्रति उत्तर प्रदेश में मतदाताओं में सकारात्मक माहौल है, यही वजह है कि अन्य पार्टियों के कई नेता कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहे हैं। इनमें अमेठी सीट से भाजपा छोड़कर आए आशीष शुक्ला, बहराइच की महसी सीट से सपा छोड़कर आए राजेश तिवारी, बलहा सीट से सपा छोड़कर आई किरण भारती, गोंडा की गौरा सीट से सपा छोड़कर आए रामप्रताप सिंह, मनकापुर (सुरक्षित) सीट से सपा छोड़कर आईं संतोष कुमारी, प्रयागराज की कोरांव सीट से सपा छोड़कर आए पूर्व विधायक राम कृपाल कोल शामिल हैं।
वहीं समाज सेवा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश यादव ने संगठन महासचिव दिनेश सिंह से मिलकर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया है। समर्थन पत्र में उन्होंने लिखा कि उत्तर प्रदेश में समाज सेवा पार्टी की कार्यकारिणी का 56 जिलों में मजबूत संगठन है। कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित होकर समाज सेवा पार्टी उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड में बिना शर्त कांग्रेस पार्टी को समर्थन देती है और कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए चुनाव में अपना योगदान देगी।