नई दिल्ली (मानवी मीडिया): स्वर साम्राज्ञी और भारत रत्न सुश्री लता मंगेशकर को आज राज्यसभा में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी और इसके बाद उनके सम्मान में सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू करते ही सदस्यों को उच्च सदन की मनोनीत सदस्य रही सुश्री मंगेशकर के निधन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वर साम्राज्ञी का रविवार को निधन हो गया। वह 92 वर्ष की थी।
नायडू ने कहा कि सुश्री मंगेशकर का जन्म सितम्बर 1929 में हुआ था और बहुत छोटी उम्र में ही उन्होंने संगीत की दुनिया को अपनी प्रतिभा से अवगत करा दिया। करीब सात दशकों तक संगीत की दुनिया में छायी रहने वाली और स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुश्री मंगेशकर ने 36 भाषाओं में 25 हजार से भी अधिक गीत गाये। इनमें विदेशी भाषाओं में गाये हुए गीत भी शामिल हैं।
सभापति ने कहा कि सुश्री मंगेशकर नवम्बर 1999 से नवम्बर 2005 तक उच्च सदन में मनोनीत सदस्य भी रही। उन्होंने बीमार लोगों तथा वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए सहायतार्थ संस्थानों की भी स्थापना की। उनकी मधुर आवाज और संगीत के प्रति साधना के लिए उन्हें पद्मश्री, पद्म विभूषण ,दादा साहबे फाल्के, और भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मानाें से नवाजा गया।
नायडू ने कहा कि उनके निधन से देश ने संगीत की दुनिया की महान विभूति को खो दिया है और एक युग का अंत हो गया है। यह देश के लिए अपूर्णीय क्षति है। सुश्री मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए सदन में दो मिनट का मौन भी रखा गया है।
इसके बाद नायडू ने कहा कि सुश्री मंगेशकर के सम्मान में सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित की जाती है।