अकेले पूरे दमदारी के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही:: मायावती - मानवी मीडिया

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Wednesday, February 2, 2022

अकेले पूरे दमदारी के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही:: मायावती

 

लखनऊ (मानवी मीडिया)मैंने पार्टी के संबंध में कहना जरूरी समझती हूं कि सभी विधानसभा सीटों पर अकेले पूरे दमदारी के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है, ताकी ताकि आपको वर्तमान में भाजपा के चल रहे जातिवादी संकीर्ण अहंकारी व तानाशाही शासन से मुक्ति मिल सके, जिसके साथ ही हमारी पार्टी ने पूरी की तरह इस चुनाव में भी भी बीएसपी से जुड़ने की ताजा स्कोर ध्यान में रखकर फिर उसी अनुपात में ही सर्व समाज के लोगों को टिकट दिए हैं, और अभी चुनाव में भी  अपना वोट कांग्रेस बीजेपी सपा व अन्य विरोधी पार्टियों को ना देकर केवल अपने एक एकमात्र हितेषी पार्टी बीएसपी को क्यों देना जरूरी है इसे आप लोगों को समझना होगा। हलांकि कि इस संदर्भ में आप लोगों को मालूम है की आजादी के बाद लंबे समय तक केंद्र उत्तर प्रदेश में अधिकांश राज्यों में देश के कांग्रेस पार्टी की अकेले ही सरकार रही है। किंतु इनकी गलत नीतियों वह गलत कार्यों की वजह से ही यह पार्टी केंद्र के साथ-साथ बहुत पहले ही उत्तर प्रदेश की सत्ता से ही बाहर हो चुकी थी, इसके साथ ही है या पार्टी जबरदस्त जातिवादी होने के कारण शुरू से ही हर मामले में दलित आदिवासी व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी रही है। केंद्र में रही इस कांग्रेस पार्टी की सरकार ने इन वर्गों के मसीहा व भारतीय संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी को भी भारत रत्न की उपाधि से भी सम्मानित नहीं किया था जिसके लिए वह हर प्रकार से पात्र थे मलकिन के मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित करने वाले कांशी राम जी के देहांत होने पर भी केंद्र होने पर भी इसी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने उनके सम्मान में 1 दिन के लिए भी राष्ट्रीय शोक घोषित नहीं किया था, पता नहीं इस पार्टी की रही सरकार ने पिछड़े वर्ग की आरक्षण संबंधी मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू किया जिसे फिर बीएसपी ने अपने कड़े संघर्ष व अथक प्रयासों से केंद्र में रही श्री बी पी सिंह की सरकार से ही लागू करवाया था साथ ही सी सरकार में ही बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भी भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया था। अधिकांश राज्यों से सत्ता से बाहर होने के बाद यही कांग्रेस पार्टी खासकर दलितों आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों के वोटों की खातिर नाटक बाजी करती रहती है। जबकि इन वर्गों के मामले में इस पार्टी की सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में होती है और इनके अच्छे दिन होते हैं तब इस पार्टी को इन वर्गों का विकास हुआ उत्थान आदि याद नही आता, तथा ना ही इनको महिलाओं की भी भागीदारी याद आती है।

 इतना ही नहीं बल्कि इस पार्टी के बाद खास करके यहां सपा और बीजेपी आदि की बनी सरकार में भी यूपी की जनता हर मामले में हर स्तर पर बहुत ही ज्यादा दुखी रही है।

 सपा की सरकार में तो अधिकांश यहां गुंडों बदमाशों माफियों वह अराजक तत्व एवं सरेआम लूट का सूट करने वालों का ही राज रहा है इसकी खास वजह से ही इस सरकार में आए दिन जाति व धर्म के नाम पर दंगे होते रहते हैं। इस मामले में पश्चिमी यूपी का मुजफ्फरनगर कांड इसका खास उदाहरण है। प्रदेश में विकास का कार्य ज्यादातर यहां एक विशेष क्षेत्र में एक विशेष समुदाय के लोगों तक ही सीमित होकर रह गया। सपा की सरकार के चलते दलित व अति पिछड़े वर्गो के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार रहा है। जब सपा पावर में आई हमारी पार्टी की सरकार ने जो दलित व अन्य पिछड़े वर्ग हुए समय-समय पर महापुरुष हुए उनको आदर सम्मान देने के लिए मकसद से हमारी पार्टी की सरकार ने जिन्ना जिलों के नाम इन के नाम से रखें या योजनाओं के नाम रखें वो सपा ने बदल दिए और इतना ही नहीं वह सरकारी कर्मचारियों को भी यह बताना चाहती हूं कि जब पदोन्नति में आरक्षण को लेकर जब पार्लियामेंट में बिल आया तब यही समाजवादी पार्टी थी जिसने इस बिल को फाड़ दिया था और पास नहीं होने दिया था ताकि जो दलित वर्ग के लोग हैं उनको पदोन्नति में आरक्षण की सुविधा ना मिल सके। यह समाजवादी पार्टी का कैरेक्टर है। 

इसी प्रकार भाजपा सरकार की नीतियों व कार्यशैली अधिकांश यहां जातिवादी, पूंजीवादी एवं आर एस एस के संकीर्ण एजेंडे को लागू करने पर ही टिकी रही है। जिससे प्रभावित एवं शिकार हुए लोगों का इस सरकार में सही से विकास एवं उत्थान नहीं हो सका है, साथ ही इनका हर स्तर पर काफी ज्यादा उत्पीड़न भी किया गया है,भाजपा ने धर्म के नाम पर हमेशा से यहां तनाव और नफरत का ही वातावरण बनाए रखा है, प्रदेश में हर प्रकार के अपराध भी खासा बड़े हैं, खासकर दलित व महिलाएं भी कतई भी सुरक्षित नहीं है, लेकिन मीडिया में इनकी आंकड़ों को ज्यादा तक दबा दिया जाता है, आगरा में तो इतना बुरा हाल है दलितों का कि पुलिस की कस्टडी में दलित वर्ग एक नवयुवक को मार दिया जाता है, इसके अलावा प्रदेश में गरीबों मजदूरों,बेरोजगारों अन्य मेहनतकश लोगों के साथ साथ दलितों, आदिवासियों अन्य पिछड़े वर्ग मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के हित व कल्याण के लिए बरसों से जो भी यहां सरकारी योजनाएं चल रही थी तो उनका भी ने सरकार में सही से पूरा लाभ नहीं मिल सका है, खासकर दलितों व पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल सका है क्योंकि इन्हें ज्यादातर सरकारी कार्य प्राइवेट सेक्टर के जरिए ही कराया जा रहा है, जिसमें आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है, सरकारी नौकरियों में भी इनका आरक्षण का कोटा भाजपा सरकार में भी पूरा नहीं किया गया है, मुस्लिम धार्मिक व अल्पसंख्यक के लोगों के साथ तो बीजेपी के सरकार में अधिकांश उन्होंने पक्षपात रवैया अपनाया है, भाजपा सरकार में अपर कास्ट समाज से विशेषकर प्रबुद्ध वर्ग भी हर मामले में अपने आप को काफी ज्यादा उपेक्षित दिखा है, इसके अलावा आर्थिक नीतियों के कारण यहां गरीबी बेरोजगारी व महंगाई आदि भी काफी ज्यादा बढ़ी है, चुनाव घोषित होने से पहले डीजल पेट्रोल व रसोई गैस आदि के आए दिन बढ़ी कीमतों में भी जनता की जादे मुश्किलें बढ़ाई हैं चुनाव खत्म होने के बाद सभी चीजों की कीमतें फिर से बढ़ा दी जाएंगी। पूरे देश के किसान भी केंद्र सरकार से काफी ज्यादा दुखी हैं। देश में बेरोजगार लोगों को रोजगार न मिलने के कारण पलायन भी करना पड़ा है, आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी लंबे अरसे तक यहां सत्ता में रही लेकिन रोटी रोजी का साधन ना मिलने पर पलायन करते हैं लोग। और जब बीजेपी पावर में आई तब आप लोग को मालूम है कि यह सिलसिला जारी रहा और कोरोना के चलते बाकी राज्यों से वापस आ गए जब उनको रोटी रोजी की सुविधा नहीं मिली तो उन्हें पुनः पलायन करना पड़ा। पर नगर में भी बड़े पैमाने पर सपा सरकार ने लोगों को पलायन करने पर मजबूर किया। कोई तीनों पार्टी भी जो सरकारी हैं किसी न किसी कारण वर्ष जो दुखी पीड़ित लोग हैं उन्हें पलायन करना पड़ा।

 कोरोना महामारी के दौरान तो इन सभी की हालत और भी ज्यादा खराब हो गई है, इन सभी विरोधी पार्टियों से निजात पाने के लिए अभी चुनाव में प्रदेश की जनता को अपने एकमात्र की तैसी पार्टी बीएसपी को वोट देकर सरकार बनानी है। बहुजन समाज पार्टी अपने चारों रहे शासनकाल के दौरान बिना पक्षपात यहां कमजोर एवं उपेक्षित लोगों के साथ-साथ सर समाज का विकास किया है। इसके अलावा बीएसपी की सरकार में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्मे गोवा महापुरुषों आदि को भी विभिन्न रूपों में पूरा पूरा आदर सम्मान दिया गया है, जिसका विरोधी पार्टियों द्वारा काफी ज्यादा उपेक्षा की गई है। इसके साथ-साथ बीएसपी के सरकार में पूर्व की तरह ही सभी वर्गो धर्मों व विभिन्न क्षेत्रों में लगे लोगों के हितों में भी फिर से ऐतिहासिक कार्य किए जाएंगे। गरीबी व बेरोजगारी आदि को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। यही बहुजन समाज पार्टी का मुख्य एजेंडा रहेगा। साथी किसी भी मामले में किसानों को भी निराश नहीं होने दिया जाएगा। आगरा और फिरोजाबाद में जो का कारोबार चलना है उनकी समस्याओं को भी दूर किया जाएगा।

 साथ ही केंद्र और यूपी सरकार के विवादित नियम व कानून को जल्दी से लागू नहीं होने दिया जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि बीएसपी की सरकार में इन महा संतों गुरुओं एवं महापुरुषों आदि के आदर सम्मान में व उनके नाम पर जनहित की अनेकों को योजनाएं शुरू की गई थी साथ ही नए जिलों के नाम भी रखे गए थे तो उन्हें अधिकांश सपा सरकार द्वारा बदल दिया गया है जिससे उनके प्रति इनकी हीन व जातिवादी मानसिकता भी झलकती है बीएसपी की सरकार जरूर बहाल कर दिया जाएगा। बीएसपी की सरकार बनने पर सपा और भाजपा दौरा कानून व्यवस्था को खराब करने का जो काम किया गया है उसको दुरुस्त किया जाएगा। और कानून द्वारा कानून का राज चलाया जाएगा। ताकि यहां के लोगों का शोषण व उत्पीड़न आदि नहीं हो सके। कानून व्यवस्था को यात्री मनाने के लिए  विशेष अभियान के तहत यहां गुंडों बदमाशों माफियाओं व अन्य अपराधियों को जेल की सलाखों में ही भेजो जाएगा। जाति धर्म व राजनीतिक द्वेष के भावनाओं के तहत लोगों को खासकर धरना प्रदर्शन आदि के नाम पर जबरदस्ती गलत धाराओं में फंसा कर केस चलाया जा रहा है उन मामलों की भी सही से जांच करा कर उनके केस भी खत्म किए जाएंगे। प्रदेश की जय ले जो ऐसे अधिकांश लोगों से भरी गई हो तो उन्हें खाली कराकर के अपराधिक तत्वों को जेल के अंदर भेजा जाएगा।

 इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में या अन्य विभागों के के कर्मचारी जो आए दिन अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन एवं हड़ताल आदि करते हैं तो वह उन सभी मामलों को एक आयोग का गठन करके सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए बीएसपी की सरकार बनाना बहुत जरूरी है। पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को विरोधी पार्टियों के साम दाम दंड भेद से बचना होगा। विरोधी पाटिया जिस तरह चुनाव होने से पहले या चुनाव के दौरान ही अपनी हवा बनाने के लिए सर्वे,मीडिया, ओपिनियन पोल का गलत इस्तेमाल करती है उससे आप लोगों को गुमराह नहीं होना है। कुछ जातिवादी मीडिया ने इस चुनाव में हमारी पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने का पूरा प्रयास किया है यह जातिवादी मीडिया कहती है कि आपकी नेता कहीं नजर नहीं आ रही है। कोरोना का प्रकोप जैसे ही खत्म हुआ मैं दिल्ली से लखनऊ आ गई और पिछले लगभग 1 साल से मैं लखनऊ में ही रहकर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रही हूं। पार्टी को मजबूत बनाने के कार्य में पिछले 1 वर्ष में सिर्फ 2 दिन के लिए अपने माता जी के देहांत पर ही दिल्ली जा सकी। और इस वर्ष में मैंने पार्टी को पोलिंग बूथ स्तर व कैडर के आधार पर फिर से एक साथ खड़ा किया है। आप लोगों को मालूम है, पहले जो कमेटियां बनी थी वह ज्यादातर फर्जी थी, केवल हमारे लोग बता देते थे नीचे के पदाधिकारियों को आपको देखकर कमेटी नहीं बनाते थे, इस बार मैंने सख्त आदेश दिया है की कमेटी सही होनी चाहिए और जो बड़े पदाधिकारी अभी जाकर कमेटी बनाएंगे, तो कहने का तात्पर्य यह है कि इस 1 वर्ष के दौरान मैंने पार्टी को पोलिंग बूथ के स्तर पर और कैडर के आधार पर सही से खड़ा किया है। तथा सर समाज के  काफी नए लोगों को भी तैयार किया गया है, पोलिंग बुथों की कमेटी बनने के बाद उनकी समीक्षा बैठक भी की है, इस बार उम्मीदवारों का चयन करने के मामले में भी विशेष ध्यान दिया गया है, हमारे पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जो अधिकांश अब दूसरी पार्टियों में चले गए हैं उन्होंने पिछले बार के चुनाव में काफी विश्वासघात किया है, ना जाति समीकरण का ध्यान रखा बल्कि सुनने में तो या या की दूसरी पार्टियों के लोगों के साथ सांठगांठ करके हमारे नेताओं ने डमी कैंडिडेट खड़े किए थे, जिसकी वजह से पिछले विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी अच्छा रिजल्ट नहीं आया था। इसीलिए इस बार विशेष तरह से मैंने इस कार्य को अपने जिम्मे में ले लिया था, 403 विधानसभा की सीटें हैं एक-एक सीटों की उम्मीदवार से मैं खुद मिली हूं, अपने रजिस्टेंस पर उनका पूरा परिचय लिया जब उनको पूरी तरह काबिल समझा  तब मैंने उन्हें टिकट दिया, कि पिछले चुनाव की तरह हमारे साथ कोई धोखा ना हो जाए। कल मैं इन कार्यों से जब फ्री हुई तब मैं अपने पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने के लिए यूपी के दलितों की खास राजधानी आगरा मैं आप लोगों के बीच आ गई। लेकिन मुझे यह पूरे यूपी में और खासकर अपने दलित वर्ग के लोगों को पर नाज है वे मीडिया के दुष्प्रचार पर किन की इनकी नेता कहां है उसे कतई भी गुमराह नहीं हुआ वह अपने कार्य में पूरे जी-जान से लगे रहे। जिसके कारण बाकी जातियों के लोग भी बड़े पैमाने पर बीएसपी से जुड़े हैं।

 मैं मीडिया बंधुओं को बताना चाहती हूं कि जो यह गलत खबर दिखाते हैं कि बहन जी किधर है बहन जी इसी काम में लगी हुई थी, बहन जी चुनाव की तैयारी में लगी हुई थी, मीडिया बंधुओं को यह बताना चाहती हूं बसपा चुनाव में फिर से सन 2007 की तरह बीएसपी का  चौकाने वाला रिजल्ट आएगा।

 जब 2007 का चुनाव हुआ था तब मीडिया इस बार की तरह ही बीएसपी का कहीं आकलन नहीं कर रही थी और बीएसपी के बारे में इनका ओपिनियन पोल आदि कि बीएसपी तीसरे नंबर पर आएगी और जब रिजल्ट आया तो बीएसपी नंबर वन पर आई और एब्सलूट मेजॉरिटी के साथ सरकार बनाई। और मुझे तो लगता है इस बार भी ऐसा ही होने वाला है मीडिया को ओपिनियन पोल सर्वे आदि सब धरा का धरा रह जाएगा।

 बीएसपी विरोधी पार्टियों की तरह चुनाव के समय किसी भी तरह का घोषणा पत्र जारी नहीं करती है। क्योंकि बीएसपी कहने में बहुत कम और कार्य करने में ज्यादा विश्वास रखती है। और ऐसा हम नहीं यहां यूपी में रही चारों सरकार के द्वारा हमने करके दिखाया है।

 बीजेपी के लोग कहते रहते कि हमने गरीबों को इतने मकान दिए क्या वह मकान कहीं नजर आ रहे हैं, जब मेरी सरकार थी तो हमने बड़े पैमाने पर ही फ्री मकान दिए थे  जो जमीन पर दिखाई पड़ते हैं।हमारी योजनाओं के नाम और कार्यों को बदलकर विरोधी पार्टियों की सरकारें उन्हीं को ही भुनाने में लगी है। क्योंकि इनकी सोच और नियत सही नहीं है उसमें भी अब फेल ही होते नजर आए।

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