लखनऊ (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली सीमा कुशवाहा , दिल्ली के निर्भया मामले में पीड़ित पक्ष की वकील थीं और उन्होंने कानून लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया। महिला अधिकारों की मुखर वकालत करने वाली कुशवाहा ने नर्भिया मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी कर पीड़ित पक्षकार को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई थीं। निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाहा को बहन द्वारा बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। सीमा कुशवाहा जी एक तेज तर्रार महिला वकील होने के साथ-साथ जन सेवा की भावनाएं भी रखती है। पश्चिम यूपी, इटावा ,बुंदेलखंड क्षेत्र में मौर्य, शाक्य,कुशवाहा समाज में अच्छी पकड़ रखती है। सीमा कुशवाहा को आगे महिला सम्मेलन जैसी जिम्मेदारियां भी पार्टी की तरफ मिल सकती है।
एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने निर्भया कांड में पीड़ित परिजनों की ओर से न्यायालय में मजबूती से अपना पक्ष रखा और आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाया।
कुशवाहा समाज में अपनी मजबूत पकड़ रखने के साथ ही वह पूरे देश में बहुत ही लोकप्रिय अधिवक्ता भी हैं।
पूरे देश में महिलाओं के अधिकारों को लेकर वह लगातार मजबूती से आवाज उठाती हैं और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास भी करती हैं।
@Seemasamridhi twitter idसपा की सरकार में तो यहां अधिकांश गुंडों बदमाशों माफियाओं व अराजक तत्वों एवं खुलेआम सरेआम लूटघसोट करने वालों का ही राज रहा है। जिसकी खास वज ह से ही इस सरकार में आए दिन यहां जाति व धर्म के नाम पर तनाव व दंगे आदि होते ही रहे हैं। प्रदेश में विकास के कार्य भी यहां एक विशेष क्षेत्र व एक समुदाय के लोगों तक सीमित होकर रह गया है। खासकर दलित व अति पिछड़े वर्गों के मामलों में हमें इनका हर स्तर पर सौतेला रवैया ही देखने के लिए मिला है। इसके साथ ही इनके संतो गुरुओं महापुरुषों आदि को सम्मान देना तो बहुत दूर की बात रही बल्कि इनका अनादर ही किया गया है जिस के अनेकों उदाहरण आपके सामने हैं।
जब इंडिया में पहली बीएसपी की सरकार थी, तब sc-st की सरकारी ठेकों में आरक्षण की व्यवस्था की गई थी लेकिन जैसे ही समाजवादी पार्टी सत्ता में आई तो सपा सरकार ने सरकारी ठेकों में एससी एसटी का आरक्षण खत्म कर दिया। जब पदोन्नति में आरक्षण का बिल पार्लियामेंट में आया तो समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इस बिल को फाड़ दिया था और इस बिल को पास नहीं होने दिया एससी एसटी के छात्रों का विदेश जाकर पढ़ने करने की योजना को समाजवादी पार्टी की सरकार में खत्म किया। पंचशीलनगर का नाम बदलकर हापुड़ कर दिया गया। संत रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया गया भीम नगर का नाम बदलकर सम्भल कर दिया