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Thursday, February 24, 2022

राज्यपाल ने समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ विश्वविद्यालयों में नवाचार के सम्बन्ध में कार्य प्रगति की समीक्षा की

लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञा कक्ष में प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ नवाचार के सम्बन्ध में कार्य प्रगति की समीक्षा की। बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल  ने विश्वविद्यालयों के शोध कार्यों को जन उपयोगी बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे शोध जो जनहित से जुड़े हैं। उन्हें व्यापक उपयोग में लाने के लिए व्यवस्थाएं की जाएं। क्षेत्रीय जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर शोध किए जाएं और उसके विकसित मॉडल तैयार कर जन उपयोग के लिए दिया जाए।
राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालयों में लगाए गए महंगे संसाधनों की उपयोगिता को भी जनसामान्य से जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि कृषि उपयोगी संयंत्र, टेस्टिंग, लैब, जीरो बेस्ड उपकरण जैसे संसाधनों को किसानों एवं जनता के उपयोग के लिए भी दिया जाए। इससे जहां विद्यार्थियों की जानकारियों का विस्तार होगा वहीं किसानों एवं क्षेत्रीय जनता को महंगे खर्च पर मिलने वाले संसाधनों का सहज लाभ प्राप्त हो सकेगा। राज्यपाल जी ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि वे विश्वविद्यालय में नवाचार विकसित करने के लिए केन्द्रीय बजट में निर्धारित प्रावधानों का ध्यान भी रखें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आपसी सामंजस्य से अपनी अनेक समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने तकनीकी स्तर तथा प्रशासनिक विविधताओं के समाधान के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने को कहा।

प्रस्तुतीकरण के दौरान विश्वविद्यालयों द्वारा ऐसे उपकरण और संसाधनों पर चर्चा भी की गयी, जो विश्वविद्यालय के लिए आर्थिक उपार्जन का कार्य भी कर रहे हैं। राज्यपाल जी ने ऐसे उपकरणों से प्राप्त आय का विवरण रखने तथा जनता के लिए उपयोगी संसाधनों को साधारण मूल्यों पर उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालनय परिसर की खाली भूमि को कृषि तथा अन्य शोधों के लिए उपयोग करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल  ने विश्वविद्यालयों में अनावश्यक खर्चों में कटौती करने, डिजिटलाइलेशन को बढ़ावा देकर अनावश्यक पद समाप्त करने, अनावश्यक नए भवनों का निर्माण न करने का निर्देश देते हुए कहा कि एक ही भवन को शिफ्ट में कई कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है। इससे बिजली तथा संसाधन पर व्यय की बचत हो सकती है।
बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने कुलपतियों से कहा कि वे जो भी नवाचार विकसित करें वे समुचित परिणामदायी हों। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जनता उपयोगी कार्यों का विवरण प्रेषित करें तथा जो शिक्षक किसी लर्निंग अथवा ट्रेनिंग के लिए दूसरे विश्वविद्यालय अथवा सेमिनार, कार्यशाला आदि में जाते हैं, उनके द्वारा उस भ्रमण के उपरान्त सीखे गए कार्य का कितना क्रियान्वयन किया गया, इसका विवरण भी रखा जाए।

राज्यपाल  ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ फण्ड एकत्र करने पर ही अपना ध्यान केन्द्रित न करें। उनका कार्य बच्चे को समुचित शिक्षा और विशेषज्ञता प्रदान करने का है। इसके लिए बच्चों को उनकी शिक्षा के व्यवहारिक पक्ष से जोड़ने का कार्य भी करें।
ज्ञात हो कि राज्यपाल की बैठक में आज प्रदेश के समस्त 21 विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने भाग लिया, जिसमें 6 विश्वविद्यालयों द्वारा अपने नवाचार का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया।
बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव  महेश कुमार गुप्ता सहित विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा उनके सहयोगी अधिकारी मौजूद थे।
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