नई दिल्ली (मानवी मीडिया): पर्सनल एक्सीडेंटल पॉलिसी से जुड़ा नियम जल्द ही बदल सकता है। इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI इस दिशा में काम कर रही है। बीमाकर्ताओं को आ रही दिक्कत को देखते हुए रेगुलेटर इंश्योरेंस नियमों में बदलाव करने की योजना पर काम कर रहा है। नए अपडेट नियम के बाद अगर किसी व्यक्ति ने बिना किसी ब्रेक के अपनी पर्सनल एक्सीडेंटल पॉलिसी को रिन्यू कराना जारी रखा है तो इंश्योरेंस कंपनियां उस व्यक्ति की पॉलिसी को जीवन में कभी भी रिन्यू करने से इनकार नही कर पाएंगी।
्इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेल्पमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Irdai) ने 16 फरवरी को एक एक्सपोजर ड्राफ्ट इश्यू किया था। इसके मुताबिक कोई भी इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसी होल्डर की उम्र के आधार पर कभी भी पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस को रिन्यू करने से मना नहीं कर पाएगी। एक्सपोजर ड्राफ्ट में इंश्योरेंस से जुड़े नियमों में बदलावों से जुड़े प्रस्ताव में यह प्रपोजल भी शामिल है।
अगर कोई पॉलिसीहोल्डर अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को एक इंश्योरेंस कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कराना चाहता है तो इससे भी जुड़े नियम में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत प्रस्ताव किया गया है कि पोर्टेबिलिटी फॉर्म रिसीव करने के 5 दिन के भीतर इंश्योरेंस कंपनियों को Existing Insurance Company से जरूरी जानकारी ले लेनी होगी। इसका प्रस्तावित संशोधन का मकसद किसी भी इंश्योरेंस पॉलिसी की पोर्टेबिलिटी एक निश्चित समय के भीतर सुनिश्चित करना है।
इंश्योरेंस कंपनियों को इस बात के लिए भी प्रोत्साहित किया गया है कि अगर किसी पॉलिसीहोल्डर के रिस्क प्रोफाइल में सुधार होता है तो इंश्योरेंस कंपनियों को उस व्यक्ति को डिस्काउंट देना चाहिए। कोरोना काल ने हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत को सबको सामने ला दिया है। इस महामारी ने बताया है कि Health Insurance किस प्रकार आपकी गाढ़ी कमाई को किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है।