नई दिल्ली (मानवी मीडिया): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश कर रही हैं। यह उनका चौथा बजट है। इस बजट को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बूस्टर डोज की तरह देखा जा रहा है। असल में यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, कोविड 19 महामारी के चलते आम आदमी से लेकर इंडस्ट्री तक पर असर पड़ा है। वहीं देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के चलते एक बार फिर कुछ सेक्टर्स में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। हालांकि अब अर्थव्यवस्था महामारी से उबरकर रिकवरी के रास्ते पर है।
वित्त मंत्री ने बजट के दौरान विकास के 4 पिलर गिनाए हैं। इसमें 1 साल में 25000 किलोमीेटर हाईवे बनाना है। हेल्थ इंफ्रा को मजबूत करना। 25 साल के लिए ग्रोथ का ब्लूप्रिंट तैश्यार करना शामिल है। उनका कहना है कि देश की ग्रोथ सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है
PLI स्कीम से 60 लाख नई नौकरियां की संभावना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का कहना है कि PLI स्कीम को अच्छी सफलता मिली है। इससे अगले 5 साल में 60 लाख नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है. इसके अलावा 30 लाख करोड़ के अतिरिक्त प्रोडक्शन की उम्मीद है
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि पीएम ई विद्या को 12 से बढ़ाकर 200 चैनल तक किया जाएगा। इससे कोरोना काल में स्कूल नहीं जा पा रहे बच्चों को पढ़ाई लिखाई में मदद मिलेगी। कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को इससे लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी का भी निर्माण किया जाएगा। यह विभिन्न भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी।
बता दें कि इकॉनमिक सर्वे में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष (2022-23) में 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वहीं, अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के दौरान 9.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो महामारी से पहले के स्तर के मुकाबले सुधार का संकेत है। इसका मतलब है कि वास्तविक आर्थिक उत्पादन का स्तर 2019-20 के कोविड-पूर्व स्तर को पार कर जाएगा।