लखनऊ (मानवी मीडिया)पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच 25 भाजपा नेताओं को केंद्रीय सुरक्षा मिली है। इसमें ज्यादातर पंजाब और उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें कुछ नेताओं पर हमले भी हो चुके हैं, जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। उधर, कांग्रेस का कहना है कि सरकार लोगों को डरा रही है।
इन नेताओं को मिली Z और X कैटेगरी की सुरक्षा
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल को सीआईएसएफ की Z-कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया करवाई गई है। वह मैनपुरी में करहल विधानसभा सीट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बघेल को पहले वाई-कैटेगरी की सुरक्षा मिली थी। हाल ही में मैनपुरी में उनके काफिले पर पथराव किया गया था। दिल्ली के सांसद हंस राज हंस को उनके पंजाब दौरे के लिए जेड-कैटेगरी और उत्तर प्रदेश के भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद बिंद को एक्स-कैटेगरी का सुरक्षा मिली है।
इन तीनों के अलावा अन्य सभी भाजपा नेताओं को चुनाव तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की वाई और वाई-प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। इनमें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पूर्व सहयोगी निमिषा मेहता भी शामिल हैं। इसके अलावा अवतार सिंह जीरा, सरदार दीदार सिंह भट्टी, सरदार कंवर वीर सिंह तोहरा, सरदार गुरप्रीत सिंह भट्टी, सरदार हरिओत कमल, सुखविंदर सिंह बिंद्रा और परमिंदर सिंह ढींडसा सहित कई नाम हैं।
नेताओं की जान को है खतरा- गृह मंत्रालय
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय को खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट मिली है कि चुनाव के दौरान इन नेताओं की जान को खतरा है। उधर, पंजाब में जिन नेताओं को सुरक्षा दी गई है, उनमें से कई नेता हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि उनमें से एक नेता ने तो केंद्र को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा होने का दावा किया था और केंद्रीय सुरक्षा की मांग की थी।
कांग्रेस बोली- डरा रही सरकार
कांग्रेस ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि केंद्र की ओर से भाजपा नेताओं के लिए जेड-श्रेणी की सुरक्षा राजनीतिक लॉलीपॉप और स्टेटस सिंबल के रूप में बांटी जा रही है। इस देश की हर संस्था पहले से ही कुचली हुई है। चुनावों के बीच में, जेड-कैटेगरी की सुरक्षा जैसी रणनीति का इस्तेमाल लोगों के बीच डर पैदा करने के उद्देश्य से किया जाता है। यह लोकतंत्र का अपमान है।
बता दें कि पिछले साल पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए इसी तरह का कदम उठाया गया था। केंद्र ने राज्य में एक दर्जन से अधिक भाजपा उम्मीदवारों और राजनेताओं को केंद्रीय सुरक्षा मुहैया करवाई थी। इसमें सुवेंदु अधिकारी भी शामिल थे।