लखनऊः (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में केन्द्रीय बजट 2022-23 के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा विभाग के क्रियान्वयन की रूपरेखा का अवलोकन किया। प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि बजट प्राप्ति के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रस्ताव समय से केन्द्र सरकार को प्रेषित कर दिया जाये, जिससे समुचित बजट प्राप्त कर प्रदेश में उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्थाओं का विकास सुनिश्चित किया जा सके।
ज्ञात हो कि केन्द्रीय बजट 2022-23 ने शिक्षा क्षेत्र को कुल 1,04,278 करोड़ रूपये आवंटित किए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में यह लगभग 12 प्रतिशत अधिक का आवंटन है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा ने राज्यपाल के समक्ष बजट प्राप्ति हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, डिजिटल विश्वविद्यालय, कौशल विकास, शिक्षकों की स्किलिंग एवं प्रशिक्षण, शोध एवं अनुसंधान के मुख्य बिंदुओं पर विस्तार से क्रियान्वयन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने राज्यपाल को आगामी वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था विकास के लिए आवश्यक परिवर्तनों और संसाधन की आवश्यकताओं से अवगत कराया।
राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश को विश्वस्तरीय शिक्षा हब के रूप में विकसित करने, केन्द्रीय बजट के निर्धारित मानक डिजिटल विश्वविद्यालय, रोजगारपरक शिक्षा, कौशल विकास और उद्योगो की बदलती जरूरतों से जुड़ी शिक्षा, वर्चुअल लैब्स तथा स्किलिंग ई-लैब्स, प्रधानमंत्री ई विद्या तथा डिजिटल इकोसिस्टम आदि से सम्बन्धित बिंदुओं पर गहन समीक्षा की और कहा कि शिक्षा के सभी विभागों को एक प्लेटफार्म पर कार्य करना जरूरी है। उन्होंने बदलते परिवेश में शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के समक्ष उपस्थित हो रही नई चुनौतियों पर भी चर्चा की और व्यापक बदलाव में प्रदेश की गुणवत्ता स्थापित करने के लिए शिक्षकों की स्किलिंग को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि अब विश्वविद्यालयों के लिए जरूरी है कि वे नैक मूल्यांकन और एन.आई.आर.एफ. में अपने ग्रेड की उच्चता स्थापित करें। उन्होंने उच्च शिक्षा के प्राप्त होने वाले बजट आवंटन पर भी चर्चा की और कहा कि फण्ड से प्रदेश के रिमोट एरिया में स्थापित विश्वविद्यालयों तथा कालेजों को अधिक फंड आवंटन किया जाए, जिससे वहां के छात्रों को भी विश्वविद्यालय के छात्रों के समान अवसरों की व्यवस्था प्राप्त हो सके।
विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा जयशंकर दुबे ने कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के विकसित हुए दौर में प्रदेश में सफल व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए राज्यपाल को आगामी दौर के लिए वेव क्लास रूम पर चल रहे कार्यों से राज्यपाल को अवगत कराया। उन्होंने राज्यपाल जी के समक्ष शिक्षा चैनलों को 12 से बढ़ाकर 200 किए जाने, ऑनलाइन आच्छादन बढ़ाने की रणनीतियों, रचनात्मकता को बढ़ाने, ई-कंटेंट के विकास, डिजिटल उपकरणों की आवश्यकता जैसे मुख्य बिंदुओं को बजट की आवश्यकता के साथ प्रस्तुत किया।राज्यपाल ने माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा स्कूलों में शिक्षक एवं विद्यार्थियों के रेशियो का ध्यान रखने, तबादला पॉलिसी को सख्त रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्कूलों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए निजी संस्थाओं से भी अनुरोध किया जा सकता है। उन्होंने बजट के समुचित उपयोग के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन का सुझाव दिया और कहा कि यदि निजी संस्था के सहयोग का नियम नहीं है तो कोई नियम बना लिया जाए जिससे बच्चों को आवश्यक संसाधन और शिक्षा का बेहतर माहौल प्राप्त हो सके। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालयों के अनुपयोगी संसाधनों, ई-सामग्रियों को माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा स्कूलों में उपलब्ध कराने को कहा जिससे बच्चे संसाधन उपयोग का ज्ञान प्राप्त कर सकें।
राज्यपाल ने शिक्षा विभाग को समग्र तैयारी के साथ अप्रैल, 2022 तक केन्द्र को प्रस्ताव उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और कहा कि सभी का संयुक्त प्रयास आवश्यक है जिससे प्रदेश को केन्द्र से अच्छा फंड प्राप्त हो सके।
बैठक के राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज.एल.जानी., प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा संतोष चंद्र शर्मा, सचिव उच्च शिक्षा शमीम अहमद, विशेष सचिव आईटी. इलेक्ट्रॉनिक कुमार विनीत, विशेष सचिव उच्च शिक्षा, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा जयशंकर दुबे, विशेष सचिव बेसिक शिक्षा, विश्वविद्यालयों से आए कुलपति सहित सभी सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।