उनका आरोप है कि साक्ष्य पूर्ण शिकायतों के बाद भी जिला प्रशासन की तरफ से इस लूट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अवधेश दीक्षित की तरफ से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की है। याचिका में अविलंब हस्तक्षेप करने, अवैध बालू खनन पर त्वरित रुप से रोक लगानें व स्वतंत्र जांच समिति गठित करते हुए मामले कि उच्च स्तरीय जांच व दोषियों पर कार्रवाई और गंगा व पर्यावरण की रक्षा की प्रार्थना की गई है। याचिका में वर्तमान बालू खनन को सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी द्वारा दिये फैसले के खिलाफ बताया गया है।
वाराणसी: (मानवी मीडिया) काशी में गंगा उस पार हो रहे अवैध बालू खनन के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (राष्ट्रीय हरित अधिकरण), प्रधान पीठ, नई दिल्ली के न्यायालय में सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अवधेश दीक्षित ने याचिका दायर की है। इस बाबत उन्होंने पर्याप्त साक्ष्यों को भी पेश कर इसमें कार्रवाई की मांग की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि जून 2021 में जारी खनन की निविदा की अवधि दिसंबर 2021 में समाप्त हो चुकी है। लेकिन तब से अभी तक लगातार मनमाने ढंग से दर्जनों जेसीबी और हजारों ट्रैक्टर लगा कर के गंगा उस पार अवैध बालू खनन शुरू है। निश्चित मात्रा में नहर से निस्तारित बालू को उठाने की बजाए अब तक उससे कई गुना ज्यादा बालू यहां वहां से खोद कर नदी के तट का स्वरूप विद्रूप कर दिया गया जो आगामी बाढ़ में किनारे के कटान का सबब बन सकता है।