नई दिल्ली (मानवी मीडिया): जिओ ने भारत में अभी तक 5G सर्विस शुरू नहीं की है, लेकिन 6G पर काम करना शुरू कर दिया है। जियो की सब्सिडियरी Estonia ने 6G टेक्नोलॉजी पर रिसर्च शुरू कर दी है। Jio Estonia इस प्रोजेक्ट पर University of Oulu के साथ काम कर रही है। हालांकि, कंपनी ने अपनी प्लानिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। कंपनी University of Oulu के साथ मिलकर 6G टेक्नोलॉजी के फ्यूचर वायरलेस end-to-end सॉल्यूशन पर काम कर रही है।
कंपनी ने बताया कि इस साझेदारी से एरियल और स्पेस कम्युनिकेशन, होलोग्राफिक बीमफॉर्मिंग, साइबर सिक्योरिटी, माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक और फोटोनिक्स में 3D कनेक्टेड इंटेलिजेंस को इंडस्ट्री और एकेडमी दोनों में बढ़ावा मिलेगा। साथ ही जिओ और University of Oulu कंज्यूमर्स गुड्स, ऑटोमोटिव और वॉइट गुड्स स्पेस में 6G फीचर वाले प्रोडक्ट्स तैयार करने की कोशिश करेंगे।
इसके अलावा जियो 6G का असर मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस और इंडस्ट्रियल मशीनरी पर भी पड़ेगा। नाम से साफ है कि 6G टेक्नोलॉजी 5G से बेहतर होगी, जिसका फोकस सेल-फ्री MIMO, इंटेलिजेंस सर्फेस और तेज स्पीड व बेहतर कनेक्टिविटी पर होगा। यह नेटवर्क 5G के साथ मौजूद होगा और बड़ी रेंज के कंज्यूमर्स और इंटरप्राइजेज को कवर करेगा।
6G की स्पीड को लेकर फिलहाल कोई डेटा नहीं है, लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो इसकी स्पीड 5G से 100 गुना ज्यादा होगी। सैमसंग का अनुमान है कि उसके नेक्स्ट जनरेशन नेटवर्क की स्पीड 1000Gbps होगी। इसके रिसर्च और डेवलपमेंट का काम चीन और जर्मनी जैसे देशों में शुरू हो चुका है। ओप्पो का मानना है कि 6G नेटवर्क के कारण लोगों का AI से इंटरैक्शन का तरीका बदल जाएगा। हालांकि, 2025 से पहले हमें 6G नेटवर्क देखने को नहीं मिलेगा।