विधानसभा का चुनाव अपने आप में महत्वपूर्ण होता है लेकिन 2022 का चुनाव विशेष तौर पर बहुत निर्णायक होगा।योगी के पूर्व में बीते 15 सालों में समाजवादी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारें रहीं थीं। सूबे की जनता एक आस से मतदान करती है कि इस बार दु:ख दर्द दूर होगा।इस बार आवाम को सोचकर निर्णय करना होगा कि हम भाजपा की सरकार में कितने सुखी एवं समृद्धिवान बने हैं। योगी के विकास ने यूपी की तस्वीर बदल कर रख दी है। आज यूपी की सड़कें अमेरिका को टक्कर देने वाली है। शहरों और गांवों की कायापलट हो गई है। गांव और शहर गंदगी से सटे पड़े रहते थे। आज सड़क पर मुठ्ठी भर कचरा नहीं है। हर घर में शौचालय बना दिया है। गांवों के स्कूल, अध्यापकों की भर्ती और पढ़ाई से नागरिक के साथ बच्चे भी सुखी है। हाइवे और शहरों की सड़कों का कार्य हुआ है और प्रगति पर है। अस्पताल में सफाई और इलाज का पूर्ण ख्याल रखा जा रहा है। गुंडागर्दी बन्द हो गई है। बहन,बेटियों ंको कोई डर नहीं है। बंदूक के दम पर जीने वालों का कोई पता नहीं है। तब अब सपा बसपा पर कोई भरोसा क्यों करेगा? सपा बसपा सरकारों में विकास के दावों की सच्चाई क्या है? बुंदेलखंड और पूर्वांचल के क्षेत्र सपा व बसपा की अनदेखी के चलते गरीबी, भुखमरी, दीनता, महामारी, बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे। इन जिलों की तस्वीर बदल गई है। सपा के राज में नौकरियों की नीलामी हो रही थी। उसके बाद योगी ने 70 लाख रोजगार 90 प्रतिशत युवाओं के लिए आरक्षित करने का फैसला लिया। लड़कियों की पढ़ाई नि:शुल्क करने का वादा पूर्ण किया। आज सपा और बसपा अपने कार्यकाल की एक भी उपलब्धि बताकर चुनावी मुद्दा बना सकती है लेकिन ऐसी कोई उपलब्धि नहीं है जो राज्य में सफल हुई है। गुंडागर्दी और फिरौती की भरमार थी। योगी ने करोड़ों का छात्रवृत्ति कोष बनाया। लघु सीमांत किसानों का 36 हजार करोड़ ऋण माफ कर एक सुनहरा मार्ग प्रशस्त किया।120 दिनो मे गन्ना किसानों का बकाया राशि का भुगतान एजेंडा के अनुरूप किया। ऐसे में हर जगह विकास और जनता की खुशहाली के बीच दूसरे दल के लिए जनता सोच भी कैसे सकती है।