नरसिंहपुर (मानवी मीडिया): मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कथा वाचक तरुण मुरारी की अग्रिम जमानत याचिका आज खारिज कर दी गई। तरुण मुरारी की ओर से अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन अपर सत्र न्यायाधीश विवेक बुखाडिया की न्यायालय में लगाया था। अतिरिक्त लोक अभियोजक शैलेष पुरोहित के तर्क सुनने के बाद न्यायाधीश ने अग्रिम आवेदन याचिका को खारिज कर दिया है, जिसके कारण तरुण मुरारी को न्यायालय से राहत नहीं मिल पाई है।
वहीं, तरुण मुरारी ने इस मामले में मध्यप्रदेश में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली। एक वीडियो बयान में भागवत कथा के कथाकार मुरारी ने उन्हें उकसाने के लिए मीडियाकर्मियों को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी क्षणिक उकसावा था हालांकि राष्ट्रपिता का अपमान करने का उनका कोई इरादा नहीं था।
मुरारी ने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे आवेगपूर्ण ढंग से बात की, जो मुझे नहीं कहना चाहिए था। महात्मा गांधी के बारे में सभी जानते हैं और मेरा उनका अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। क्षणिक उकसावे में आकर मेरी टिप्पणी से यदि कोई आहत हुआ तो मैं सभी व्यक्तियों, राजनीतिक संगठनों और प्रशासन से माफी मांगता हूं।
इसके पहले रविवार को नरसिंहपुर जिला मुख्यालय के पास आयोजित कथा समारोह में तरुण मुरारी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं और उनका इस संबंध में वीडियो भी वायरल हुआ है। इसके बाद पुलिस ने यहां साेमवार को कथावाचक के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया। मामले के तूल पकड़ते ही अब कथावाचक बचाव की मुद्रा में आ गया है।