लखनऊ। (मानवी मीडिया)उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्य कर रहे कर्मियों ने सोमवार को पूरे प्रदेश में अपनी समस्याओं को लेकर मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन पत्र सौंपा। इसी क्रम में जनपद सीतापुर के सभी आजीविका मिशन कर्मियों ने प्रदेश सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए बीडीओ अक्षत वर्मा के माध्यम से राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि आज तक एचआर पॉलिसी के अनुसार किसी भी मिशन स्टाफ की न तो वेतन वृद्धि की गई और न ही पिछले एक वर्ष से किसी भी प्रकार का भत्ता दिया गया है। साथ ही यह भी आरोप है कि नई भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकाली गई है, उसमें जो कार्य ब्लॉक मिशन प्रबंधक द्वारा किया जा रहा है वही कार्य करने के लिए क्लस्टर कोऑर्डिनेटर का पद निकाला गया है, इसी प्रकार डीएमएम के स्थान पर डीएफएम का पद निकाला गया है, जिनका मानदेय क्रमशः 12 हजार से 32 हज़ार किया गया है जो कि वर्तमान में 25 हज़ार तथा 40 है। वहीं दूसरी तरफ मिशन कर्मियों का दावा है की ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत कार्य करें सभी कर्मियों ने हर ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब से गरीब महिलाओं को आजीविका मिशन से जोड़कर उन्हें उन्हें स्वावलंबी बनाने का कार्य किया है। उनका मानना है कि छोटे-छोटे उद्योग के माध्यम से कार्य करवाना और उनकी आजीविका बढ़ाना कोई आसान कार्य नहीं है। बावजूद इसके कर्मचारी दिन-रात मेहनत करके इस कार्य को कर रहे हैं, और सरकार उन्हीं को किनारे करने का कार्य कर रही है।
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Monday, January 31, 2022
आजीविका मिशन कर्मी खुद की आजीविका को लेकर है चिन्तित
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